नई दिल्ली। कुश्ती फेडरेशन चलाने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ 24 घंटे के भीतर एड हॉक कमेटी बनाएगा। यह एक तीन सदस्यीय कमेटी होगी, जिसमें एक महिला भी शामिल होगी। इस कमेटी को बनाने का ऐलान ऐसे समय में हुआ है, जब खेल मंत्रालय ने रविवार (24 दिसंबर) को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की मान्यता रद्द कर दी।
वैसे यह पहला मौका नहीं है, जब कुश्ती फेडरेशन चलाने के लिए इस तरह की किसी समिति का गठन किया गया है। इस साल अप्रैल में भी पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के चलते दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। इस समिति में IOA कार्यकारी परिषद के सदस्य भूपेंद्र सिंह बाजवा और संघ की उत्कृष्ट योग्यता वाली खिलाड़ी सुमा शिरूर को शामिल किया गया था।
गौरतलब है कि कुश्ती महासंघ में लंबे समय से जारी विवाद के बीच खेल मंत्रालय ने रविवार को न सिर्फ WFI की मान्यता रद्द की, बल्कि संघ के नवनियुक्त अध्यक्ष संजय सिंह को भी सस्पेंड कर दिया। मंत्रालय ने यह कार्रवाई कुश्ती संघ जूनियर नेशनल चैंपियनशिप को उत्तर प्रदेश के गोंडा में कराने का ऐलान के बाद की।
पिछले पदाधिकारियों का प्रभावखेल मंत्रालय का कहना है कि कुश्ती संघ ने इस फैसले में डब्ल्यूएफआई के संविधान के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया है और यह WFI के प्रावधानों और नेशनल स्पोर्ट्स डेवलेपमेंट कोड का उल्लंघन हैं। इस तरह के फैसले कार्यकारी समिति लेती है।
खेल मंत्रालय ने कहा कि ऐसा लगता है कि नए कुश्ती संघ ने खेल संहिता की पूरी तरह अनदेखी की है और इस पर पिछले पदाधिकारियों का प्रभाव भी दिखाई देता है।
जेपी नड्डा से मिले बृजभूषण सिंहइससे पहले संजय सिंह के सस्पेंड होने के बाद कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद ने बृजभूषण सिंह ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने कहा कि संजय सिंह मेरे रिश्तेदार नहीं हैं। कुश्ती महासंघ को लेकर जो भी फैसला लेना है, वो चुने हुए लोग लेंगे। सबकी सहमति से फैसला लिया जाएगा।
साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का किया था ऐलानसंजय सिंह को बृजभूषण शरण सिंह का करीबी माना जाता है। ऐसे में उनकी जीत के बाद पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का ऐलान कर दिया था, जबकि बजरंग पूनिया ने सरकार को अपना पद्मश्री अवार्ड वापस लौटा दिया था।