सपा को बड़ा झटका, राष्ट्रीय महासचिव रवि वर्मा ने दिया इस्तीफा, 6 नवम्बर को कांग्रेस में हो सकते हैं शामिल

लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) को बड़ा झटका लगा है। कद्दावर नेता रवि प्रकाश वर्मा ने शुक्रवार को सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने इस्तीफा देने का कारण लखीमपुर खीरी में सपा की आंतरिक गतिविधियों को बताया। चर्चा है कि रवि वर्मा अब कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। उधर, कांग्रेस प्रदेश कमेटी ने उनको पार्टी में शामिल कराने की तैयारियां पूरी कर ली हैं। अटकलें लगाई जा रही है कि वह 6 नवंबर को को कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच अनबन और बढ़ सकती है। चार बार के सांसद रवि वर्मा वो नेता हैं जिनका मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव से बहुत पुराना रिश्ता रहा है। उनके परिवार के लोग कई बार सांसद रहे हैं।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को भेजे पत्र में रवि प्रकाश वर्मा ने लिखा आपको अवगत कराना है कि जनपद खीरी में पार्टी की आंतरिक परिस्थितियों के कारण मैं कार्य करने में असमर्थ हूं। इसलिए समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं।

लखीमपुर खीरी के गोला निवासी रवि प्रकाश वर्मा खीरी संसदीय सीट से दो बार सांसद और एक बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। वह इसी साल जनवरी महीने में सपा के तीसरी बार राष्ट्रीय महासचिव बने थे। लेकिन, कुछ ही महीनों बाद उनकी सपा से अनबन सामने आ गई थी, तभी से इस बात के कयास लगाए जाने लगे थे कि रवि वर्मा लोकसभा चुनाव से पहले सपा का साथ छोड़ सकते हैं।

रवि प्रकाश वर्मा के पिता बाल गोविंद वर्मा वर्ष 1962 से 1971 और फिर 1980 में सांसद चुने गए थे। कुछ दिन बाद उनका निधन हो गया तो उपचुनाव हुआ, जिसमें रवि प्रकाश की माता उषा वर्मा सांसद चुनी गईं। इसके बाद वह वर्ष 1984 से 1989 तक सांसद रहीं। रवि प्रकाश वर्ष 1998 से 2004 तक सपा से सांसद रहे। इसके बाद 2014 से 2020 तक राज्यसभा सदस्य रहे।

उनकी बेटी पूर्वी वर्मा भी सपा का दामन छोड़ सकती हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव रवि प्रकाश वर्मा की बेटी को समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा गया था। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

माना जा रहा है कि सपा ने खीरी सीट से लोकसभा उम्मीदवार के तौर पर रवि प्रकाश वर्मा के अलावा किसी और नेता को प्राथमिकता दी है। रवि प्रकाश भी इस सीट से दावेदार थे। हालांकि अपनी बात न बनता देख उन्होंने सपा छोड़ने का फैसला कर लिया है।

रवि प्रकाश वर्मा ने इस्तीफे की जानकारी देते हुए कहा कि कई बार कुछ फैसले लेना कठिन होते हैं लेकिन लेने भी जरूरी होते हैं। पिछले 50 साल से अधिक समय से हमारे परिवार ने जनता की सेवा की है और खीरी को बेहतर बनाने की ईमानदारी से कोशिश की है। आप सबने पूरा सहयोग किया है, वादा है हम आपको आगे भी निराश नहीं करेंगे। नये कदम की घोषणा शीघ्र करेंगे।