भूपेन हजारिका को भारत रत्न देने की टाइमिंग पर बेटे तेज ने उठाए सवाल, बोले- नागरिकता संशोधन बिल पिता की भावना और विचारधारा के ख़िलाफ़

मशहूर गायक और संगीतकार भूपेन हजारिका (Bhupen Hazarika) को मरणोपरांत दिए गए देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न (Bharat Ratna) पर अब विवाद खड़ा होता दिख रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि भूपेन हजारिका (Bhupen Hazarika) के बेटे तेज हजारिका (Tej Hazarika) ने पिता को दिए गए भारत रत्न को लेने से इनकार कर दिया है। उधर भूपेन हजारिका (Bhupen Hazarika) के भाई समर हजारिका और भाभी मनीषा हजारिका का साफ मत था कि भारत रत्न का अपमान नहीं करना चाहिए। दिग्गज संगीतकार भूपेन हजारिका के बेटे ने सोमवार को नागरिक संशोधन बिल 2016 को लेकर केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की है और अपने पिता को भारत रत्न सम्मान दिए जाने की टाइमिंग पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह फैसला बस लोकप्रियता का फायदा उठाने का सस्ता तरीका है। दरअसल, भूपेन हज़ारिका (Bhupen Hazarika) के बेटे तेज़ हज़ारिका भी नागरिक संशोधन बिल से बेहद नाराज़ हैं। उन्होंने कहा कि ये बिल उनके पिता भूपेन हज़ारिका (Bhupen Hazarika) की भावना और विचारधारा के ख़िलाफ़ है। अमेरिका में रह हे तेज हजारिका ने एक बयान में कहा कि वह दुखी हैं कि केंद्र ने ऐसे "दर्दनाक रूप से अलोकप्रिय" विधेयक पारित करने की योजना बनाई जो उनके पिता की मान्यताओं और भावनाओं के खिलाफ हैं।

तेज हजारिका ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए स्थिति साफ की है। उन्होंने लिखा, 'कई पत्रकार मुझसे पूछ रहे हैं कि मैं अपने पिता को दिए गए भारत रत्न को स्वीकार करूंगा या नहीं? उन्हें बता दूं कि मुझे अभी तक इसको लेकर कोई निमंत्रण नहीं मिला है, तो अस्वीकार करने जैसा कुछ है ही नहीं अभी। दूसरी बात, केंद्र सरकार ने इस सम्मान को देने में जिस तरह की जल्दबाजी दिखाई है और जो समय चुना है वह और कुछ नहीं बस लोकप्रियता का फायदा उठाने का सस्ता तरीका है।' दरअसल, नागरिकता संशोधन बिल 2016 आज यानी मंगलवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। गृहमंत्री राजनाथ सिंह बिल पेश करेंगे। ये बिल पहले ही लोकसभा में पास हो चुका है। राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं होने की वजह से बिल पास कराना आसान नहीं होगा। नॉर्थ ईस्ट में इस बिल का ज़ोरदार विरोध हो रहा है।

हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ से खास बातचीत में तेज ने बताया, 'मैंने भारत रत्न देने को 'चीप थ्रिल' नहीं करार दिया है, बल्कि यह जिस समय दिया जा रहा है, उस पर सवाल खड़े किए हैं। ऐसे समय में जब पूर्वोत्तर के लोग नागरिकता (संशोधन) विधेयक के विरोध में सड़कों पर है, उनके 'हीरो' को भारत रत्न देना सवाल खड़े करता है।'

बता दें कि भूपेन हजारिका को इस साल पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और नानाजी देशमुख के साथ भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की गई। भारत रत्न देश का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित नागरिक अवार्ड है। साल 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के सबसे लंबे ब्रिज का नाम भी भूपेन हजारिका के नाम पर रखा, जो असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर 9.15 किलोमीटर लंबा है।

'नागरिकता विधेयक वापस होगा, तभी लूंगा पिता का भारत रत्न'

तेज ने साफ किया कि वह अपने पिता को दिया गया भारत रत्न तभी लेंगे जब केंद्र सरकार नागरिकता (संशोधन) विधेयक को वापस लेगी। यह बिल मंगलवार को राज्यसभा में पेश किया जा सकता है। हालांकि परिवार इस पर एकमत नहीं है। भूपेन हजारिका के भाई समर हजारिका ने कहा, 'यह उनका (तेज का) निर्णय है, मेरा नहीं। खैर मुझे लगता है कि उन्हें भारत रत्न लेना चाहिए। वैसे भी इसमें बहुत देर हो चुकी है।'

क्या है नागरिकता संशोधन बिल 2016

नागरिकता संशोधन विधेयक, 2016 को ‘नागरिकता अधिनियम' 1955 में बदलाव के लिए लाया गया है। मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन बिल को लोक सभा में पास करा लिया है। इसके प्रावधान के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में सताए गए वैसे हिन्दू, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई को भारत में छह साल रहने के बाद नागरिकता दी जा सकती है जो 31 दिसंबर 2014 के पहले भारत आ गए थे। यानी इसके लिए उनके निवास काल को 11 वर्ष से घटाकर छह वर्ष कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब ये शरणार्थी 6 साल बाद ही भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर बीजेपी की जो भी समझ रही हो मगर असम के लोग सभी अवैध बांग्लादेशी के ख़िलाफ़ हैं। हिन्दू और मुस्लिम दोनों के। मगर यह बिल अगर कानून बना तो हिन्दू बांग्लादेशी को नागरिकता मिल जाएगी। इस कारण नागरिकता संशोधन बिल को लेकर असम मणिपुर, सिक्किम, त्रिपुरा जैसे कई राज्यों में अलग-अलग समाजों के संगठन आशंकित हो गए हैं और विरोध करने के लिए एकजुट हो रहे हैं।

कौन थे भूपेन हजारिका?

भूपेन हजारिका पूर्वोत्तर राज्य असम से ताल्लुक रखते थे। अपनी मूल भाषा असमिया के अलावा भूपेन हजारिका ने हिंदी, बंगला समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में गाने गाए। उन्होंने फिल्म 'गांधी टु हिटलर' में महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन 'वैष्णव जन' गाया था। उन्हें पद्मभूषण सम्मान से भी सम्मानित किया गया था। 8 सितंबर 1926 में भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम के सदिया में जन्मे हजारिका ने अपना पहला गाना 10 साल की उम्र में गाया था। उनका निधन 5 नवंबर 2011 को हुआ था।