SC/ST एक्ट: सवर्णों का भारत बंद आज, कई जगह धारा 144 लागू, धरना प्रदर्शन, रैली पर प्रतिबंध

अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी SC/ST एक्ट) संशोधन अधिनियम के खिलाफ सवर्ण संगठनों ने 6 सितंबर यानि बृहस्पतिवार को भारत बंद का एलान किया है। बंद के मद्देनजर देशभर में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। कई जगह धारा 144 लगा दी गई है। किसी भी हिंसा-उपद्रव से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए गए हैं। बंद का समर्थन करने वाले संगठनों का कहना है कि वे जाति और धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध करते हैं। बंद का समर्थन करने वाले संगठनों ने सड़कों पर उतरने और प्रमुख नेताओं का घेराव करने की तैयारी की है। इसके साथ ही बिना अनुमति धरना प्रदर्शन, रैली और समूह में एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

मध्य प्रदेश में बंद रहेंगे पेट्रोल पंप

- मध्य प्रदेश में सपाक्स,करणी सेना और ब्राह्मण संगठन के साथ तमाम सवर्ण संगठन भारत बंद का समर्थन किया हैं। जिसे देखते हुए सभी जिलों में पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है। श्योपुर, छतरपुर,अशोकनगर, गुना, ग्वालियर, मुरैना, शिवपुरी,दतिया और भिंड जिलों को संवेदनशील जिलों में रखा गया है।
- बुधवार शाम एमपी पीएचक्यू में हुई इंटेलिजेंस के अधिकारियों की बैठक के बाद ये निर्णय लिया गया।
- प्रदेश में बंद का असर एक दिन पहले से ही व्यापक दिखने लगा, ओर किसी अनहोनी के डर से सबसे पहले मध्य प्रदेश के पेट्रोल पंप संचालक एसोसिएशन ने पेट्रोल पंप बंद रखने का ऐलान किया।
- एपी पेट्रोल पंप संचालक एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने साफ किया की सुबह 10 बजे शाम 4 बजे तक पेट्रोल पंप बंद रहेंगे, ये निर्णय बंद के दौरान अप्रिय घटना से बचने के लिए ये निर्णय लिया गया है।

यूपी में अलर्ट

- भारत बंद को देखते हुए यूपी में अलर्ट जारी किया गया है। डीजीपी मुख्यालय ने इस संबंध में सभी जिला अधिकारियों को जरूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
- संवेदनशील जिलों में पीएसी व अर्द्धसैनिक बलों को जरूरत के लिहाज से तैनात किया गया है। खुफिया विभाग को सतर्क रहने को कहा गया है।
- जानकारों के अनुसार राज्य के खुफिया विभाग ने बिजनौर, इलाहाबाद, कासगंज, बांदा, भदोही, हरदोई, बरेली, मथुरा, आजमगढ़, लखनऊ व मऊ आदि जिलों को अधिक संवेदनशील मानते हुए रिपोर्ट भेजी हैं।

राजस्थान में स्कूल-कॉलेज बंद

- राजस्थान में सवर्ण समाज के कई संगठनों ने भारत बंद का समर्थन दिया है। संगठनों ने कर्मचारी अधिकारियों से दफ्तर न जाने, अभिभावकों से अपने बच्चों को स्कूल न भेजने, दुकान व फैक्ट्री संचालकों से अपने-अपने प्रतिष्ठान नहीं खोलने का आह्वान किया है।
- लगभग सभी शिक्षण संस्थानों ने छुट्टी की घोषणा कर दी है।
- कई सरकारी कर्मचारियों ने बंद का समर्थन करते हुए छुट्टी की अर्जी भी लगा दी है।
- कई फैक्ट्री मालिकों ने स्टाफ को छुट्टी देकर फैक्ट्री बंद रखने के निर्णय किया है।

क्या है विरोध

- एससी-एसटी संशोधन विधेयक 2018 के जरिये मूल कानून में धारा 18ए जोड़ी जाएगी। इसके जरिये पुराना कानून बहाल हो जाएगा और सुप्रीम कोर्ट का फैसला रद्द हो जाएगा।
- मामले में केस दर्ज होते ही गिरफ्तारी और अग्रिम जमानत नहीं देने का प्रावधान है।
- आरोपी को हाईकोर्ट से ही नियमित जमानत मिल सकेगी. मामले में जांच इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अधिकारी ही करेंगे। सवर्ण संगठनों इन्हीं प्रावधानों का विरोध कर रहे हैं।

30 से 35 संगठनों का बंद को समर्थन

- एससी एसटी एक्ट के विरोध में राजपूत करणी सेना की एंट्री से प्रशासन और पुलिस दोनों सकते में हैं।
- ग्वालियर में हुए स्वाभिमान सम्मेलन में कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर की हुंकार और राजपूत करणी सेना की खुली चुनौतियों से सवर्ण आंदोलन को और हवा मिली है, यहीं अफसरों को परेशान किए हुए है। इसके बाद ही अशोकनगर, गुना, ग्वालियर, दतिया, मुरैना, शिवपुरी, श्योपुर, छतरपुर और भिंड में 11 सितंबर तक के लिए धारा-144 लगा दी गई है। अब पुलिस और प्रशासन की नजर गुरुवार को होने वाले भारत बंद पर है। वहीं, अब प्रदेशभर और दूसरे राज्यों में भी स्वाभिमान सम्मेलन की राजपूत करणी सेना ने घोषणा की है।