इस तारीख से पहले निपटा ले बैंक से जुड़े सभी जरुरी काम, वरना करना होगा 5 दिन इंतजार

अगर आपको इस हफ्ते बैंक से जुड़े कोई भी काम करने है तो आपके पास सिर्फ 3 दिन ही है। आप अपने सारे जरुरी काम इस महीने की 26 तारीख से पहले निपटा ले। वरना आपको 5 दिनों तक इंतजार करना पड़ेगा क्योकि 26 और 27 सितंबर को बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। जबकि 28 तथा 29 सितंबर को शनिवार तथा रविवार की छुट्टी है। वहीं, 30 सितंबर को बैंक खुलेंगे, लेकिन अर्द्धवार्षिक समापन होने के कारण इस दिन लेनदेन नहीं होगा। बैंको के विलय के विरोध में 26 (गुरुवार) और 27 (शुक्रवार ) सितंबर को हड़ताल का ऐलान किया गया है। ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन के महामंत्री दिलीप सिंह चौहान ने कहा, 'लगातार विरोध के बाद भी सरकार ने बैंकों को मर्ज करने का फैसला नहीं बदला है। इसके विरोध में राष्ट्रीय हड़ताल करनी पड़ रही है। बैंकों के मर्ज होने से हजारों नौकरियां जाने के साथ ही नॉन परफार्मिंग असेट (एनपीए) भी बढ़ेगा।' उन्होंने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार बैंकिंग सेक्टर को खत्म करने पर आमादा है, ऐसे में मर्जर के फैसले का विरोध करने के साथ ही प्रदेश के अन्य संगठनों का समर्थन हासिल करने का भी प्रयास किया जा रहा है। हड़ताल में 28 राष्ट्रीयकृत बैंक शामिल होंगे।

बैंक बंद रहने से नकदी का संकट गहरा सकता है। ऐसे में आप बैंक बंद होने से पहले ही अपनी तैयारियां पूरी कर लें ताकि बाद में किसी तरह की कोई समस्या न हो। लिहाजा लगातार 5 दिनों तक बैंक बंद होने से आम आदमी के साथ-साथ कारोबारियों को दिक्कतें आ सकती हैं। पांच दिन तक लगातार बैंक बंद रहने से एटीएम पर असर पड़ सकता है। एटीएम में पैसे नहीं होने से नकदी की किल्लत बढ़ सकती है। क्योंकि एटीएम में दो दिन की नकदी क्षमता होती है। हड़ताल और फिर बैंक बंद रहने से 5 दिन तक एटीएम में नकदी नहीं डाली जाएगी।

अगर आप हड़ताल और बंदी के दौरान बैंक में चेक डालते हैं तो फिर क्लियर में हफ्ते भर का वक्त लग सकता है। क्योंकि 25 सितंबर को लगाया गया चेक 3 अक्टूबर तक क्लियर हो पाएगा। एक अक्टूबर को चेक क्लियर होगा और फिर 2 को गांधी जयंती की वजह से छुट्टी है। ऐसे में 3 अक्टूबर को खाते में पैसा आएगा।

हालांकि, हड़ताल के दौरान बैंकों के आधिकारिक की छुट्टी नहीं है, ऐसे में उम्मीद है कि इंटरनेट बैंकिंग, ऑनलाइन RTGS, NEFT, IMPS और UPI ट्रांसफर जैसी सुविधांए न बंद हों।

गौरतलब है कि पिछले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों के विलय का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि सरकारी क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय करके 4 बैंक बनाए जाएंगे। सरकार के इस फैसले का बैंकिंग सेक्टर के अलग-अलग ट्रेड यूनियन विरोध कर रहे हैं। यूनियनों का कहना है कि इससे हजारों नौकरियां जाने के साथ ही नॉन परफार्मिंग असेट (NPA) भी बढ़ेगा। वही लगातार पांच दिनों तक बैंक बंद रहने से कर्मचारियों को वेतन मिलने में परेशानी हो सकती है। एक अक्टूबर को बैंक खुलेंगे, जिस दिन भारी भीड़ होगी। इसके बाद दो अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर बैंक एक बार फिर बंद रहेंगे।