आज और कल, दो दिन हड़ताल पर रहेंगे 9 लाख बैंक कर्मचारी, नहीं हो पाएगा आपका कोई भी जरूरी काम

देशभर के अलग-अलग सरकारी बैंकों में काम करने वाले करीब 9 लाख कर्मचारी गुरुवार से दो दिन की हड़ताल पर रहेंगे, जिससे बैंकिंग सेवाएं प्रभावित होने की आशंका है। बैंक से जुड़ा आपका कोई भी जरूरी काम अब शनिवार, 18 दिसंबर को ही हो पाएगा।

यूनियन के नेताओं ने कहा कि इस हड़ताल का आह्वान सरकार द्वारा दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के प्रयास के खिलाफ किया गया है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) सहित ज्यादातर बैंकों ने अपने ग्राहकों को सूचित किया है कि हड़ताल की वजह से चेक भुनाने और फंड ट्रांसफर जैसी बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।

सरकारी बैंकों के निजीकरण के खिलाफ होने वाली इस हड़ताल को लेकर UFBU के एक अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार मौजूदा शीतकालीन सत्र में एक ऐसा कानून लेकर आ रही है, जिससे किसी भी सरकारी बैंक का आसानी से निजीकरण किया जा सकेगा। अधिकारी ने कहा कि बैंकों के निजीकरण से सबसे ज्यादा नुकसान बैंक कर्मचारियों को होगा। यही वजह है कि बैंक यूनियन सरकार के इस फैसले के विरोध में गुरुवार और शु्क्रवार को हड़ताल पर रहेंगे।

ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कनफेडरेशन (एआईबीओसी) के महासचिव सौम्य दत्ता ने कहा कि बुधवार को अतिरिक्त मुख्य श्रम आयुक्त के समक्ष सुलह-सफाई बैठक विफल रही और यूनियनों ने हड़ताल पर जाने के फैसले को कायम रखा है। सरकार ने बजट 2021-22 में इस साल के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव किया था। दो दिन की हड़ताल (16 और 17 दिसंबर) का आह्वान यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक्स यूनियन (यूएफबीयू) ने किया है, जो बैंकिंग क्षेत्र में नौ यूनियनों की एक छत्र संस्था है।

अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने कहा कि बुधवार को दिल्ली में हुई सुलह बैठक में, जहां भारतीय बैंक संघ (आईबीए) और वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधि भी मौजूद थे, यूनियनों ने दोहराया कि अगर केंद्र सरकार उन्हें आश्वासन देती है कि वे संसद में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2021 को पेश करने को टाल देंगे, तो वे हड़ताल टाल देंगे।

उधर, देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एक ट्वीट में अपने कर्मचारियों से इस फैसले पर पुनर्विचार करने और हड़ताल में भाग लेने से बचने का आग्रह किया है।

इंडियन बैंक ने ट्वीट किया, 'अपने ग्राहकों को निर्बाध सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए हमने प्रमुख संघों / यूनियनों के नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित किया है और उनसे 16 और 17 दिसंबर, 2021 को प्रस्तावित हड़ताल वापस लेने की अपील की है।'