आयुष्मान भारत: 50 करोड़ लोगों को 1350 तरह की बीमारियों के इलाज के लिए मिलेगा पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा

विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत को लेकर नियमों को तैयार कर लिया है। आयुष्मान भारत के लिए तैयार मसौदे में दिल से लेकर दिमाग तक की 1350 बीमारियों को शामिल किया है। बाइपास, घुटने को बदलने व स्टेंट डालने के उपचार का खर्च सीजीएचएस (सेंट्रल गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम) से 20 फीसद कम होगा। इसके तहत मोदी सरकार देश के 10 करोड़ परिवार के 50 करोड़ लोगों को इसी साल अगस्त माह से पांच लाख रुपये का बीमा लाभ देना शुरू करेगी।

पीएम नरेंद्र मोदी योजना का आरंभ करेंगे 15 अगस्त को

पीएम नरेंद्र मोदी योजना का आरंभ 15 अगस्त को करेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने बताया कि आर्थोपेडिक्स, कार्डियोलॉजी, कैंसर व न्यूरोसर्जरी जैसे रोगों को पैकेज में शामिल किया गया है। योजना के तहत एक परिवार को पांच लाख रुपये तक के उपचार की सुविधा मिलेगी।

आयुष्मान भारत को लेकर 205 पेज का मसौदा तैयार

आयुष्मान भारत के तहत लोग स्वास्थ्य बीमा के तहत 1350 तरह की बीमारियों का उपचार करा सकेंगे। इसमें डेढ़ लाख रुपये मूल्य तक के मेडिकल टेस्ट भी शामिल किया गया है। 205 पेज के ड्राफ्ट मॉडल के तहत घुटनों को बदलने में नौ हजार (एक का), स्टेंट 40 हजार, कोरॉनरी अर्टेरी बाइपास ग्राफ्टिंग (सीएबीजी) 1.10 लाख, सीजेरियन डिलीवरी नौ हजार, एक स्टेंट की एंजियोप्लास्टी 50 हजार व हिस्टरेक्टॉमी फॉर कैंसर 50 हजार के उपचार पर 50 हजार खर्च होंगे। इसके तहत विभिन्न बीमारियों के इलाज की तय कीमतों में 10 से 15 फीसदी की वृद्धि शामिल है। बताया जा रहा है कि हेल्थ केयर प्रोजेक्ट की वजह से कई बीमारियों का उपचार प्राइवेट अस्पतालों में भी सस्ता हो जाएगा। मसौदे के अनुसार जन्मजात विकार, मानसिक, टीकाकरण, आईवीएफ और ओपीडी सेवाएं इस स्वास्थ्य योजना में शामिल नहीं होंगी। उन्होंने बताया कि इसमें बच्चों की सर्जरी के साथ-साथ कैंसर और मानसिक बीमारियों के इलाज के अलग-अलग पैकेज भी शामिल हैं। बुधवार को मसौदा तैयार कर राज्यों को भेज दिया है। हालांकि केंद्र सरकार ने इन नियमों में थोड़ा बहुत फेरबदल का अधिकार भी राज्यों को दिया है।

राज्यों को चार सप्ताह का दिया वक्त

जानकारी के अनुसार आयुष्मान भारत के नियमों पर अमल करने के लिए राज्य सरकारों को चार सप्ताह का वक्त दिया है। ताकि अगस्त से पहले इस योजना को लागू करने की तैयारी पूरी की जा सके। बताया जा रहा है कि अभी तक पंजाब की ओर से इस योजना के लागू होने पर कोई सहमति नहीं बनी है।