भूमि पूजन समारोह के लिए 175 लोगों को किया गया आमंत्रित, सभी को दिया जाएगा श्रीराम दरबार का रजत सिक्का

राम की नगरी अयोध्या सजकर तैयार है और अब से कुछ देर में राम मंदिर की नींव पड़ जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 11 बजे के करीब अयोध्या आएंगे, हबनुमानगढ़ी मंदिर आकर पूजा अर्चना करेंगे। इसके बाद शुभ मुहूर्त के वक्त पीएम मोदी राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे। पीएम मोदी दोपहर 12:30 बजे राम मंदिर की नींव रखेंगे। मोदी लगभग 3 घंटे अयोध्या में रहेंगे। बता दे, 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने रामलला के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके ठीक नौ महीने बाद अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमिपूजन होने जा रहा है। आजादी के बाद मोदी इकलौते ऐसे प्रधानमंत्री होंगे, जो इस पद पर रहते हुए रामलला के दरबार में होंगे। उनसे पहले इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी और खुद नरेंद्र मोदी बतौर प्रधानमंत्री अयोध्या पहुंचे, लेकिन रामलला के दर्शन नहीं कर पाए।

सिर्फ 175 लोग होंगे शामिल

कोरोना की वजह से भूमि पूजन समारोह में सिर्फ 175 लोगों को आमंत्रित किया गया है। इनमें देश की कुल 36 आध्यात्मिक परंपराओं के 135 संत शामिल हैं। बाकी कारसेवकों के परिवार और अन्य लोगों को निमंत्रण दिया गया है। भूमि पूजन में शामिल होने वाले हर अतिथि को श्रीराम दरबार का रजत सिक्का दिया जाएगा। सिक्का मंदिर ट्रस्ट देगा।

मंच पर सिर्फ 5 लोग

श्रीराम जन्मभूमि परिसर में भूमिपूजन के लिए एक मंच बनाया गया है। इस पर सिर्फ 5 लोग प्रधानमंत्री मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास मौजूद रहेंगे।

इनके अलावा, बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी, समाजसेवी और पद्मश्री मोहम्मद शरीफ, कोठारी बंधु की बहन पूर्णिमा कोठारी भूमि पूजन में शामिल होंगी। योग गुरु बाबा रामदेव, रामभद्राचार्य, जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि महाराज, मथुरा से मूलक-पीठ के राजेंद्र देवाचार्य, कांची मठ के गोविंद देवा गिरि महाराज, रेवसा डौंडिया के राघवाचार्य, चिदानंद मुनि, सुधीर दहिया अयोध्या पहुंच चुके हैं।

राम मंदिर आंदोलन से जुड़े भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी भूमि पूजन में शामिल नहीं हो रहे हैं। वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ेंगे। उमा भारती अयोध्या पहुंची हैं, लेकिन वे उस वक्त सरयू नदी पर मौजूद रहेंगी। आडवाणी ने राम मंदिर आंदोलन की अगुआई की थी और रथ यात्रा निकाली थी। मुरली मनोहर और उमा भी इस आंदोलन के प्रमुख नेता थे।

गृह मंत्री अमित शाह कोरोना पॉजिटिव हैं, इसलिए वे भी अयोध्या नहीं पहुंचेंगे। उधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने अयोध्या आने का कार्यक्रम कोरोना के चलते रद्द कर दिया है। जब बाबरी ढांचा गिराया गया था, तब कल्याण सिंह ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।