अयोध्या नगर निगम (Ayodhya Municipal Corporation) पुराने और जर्जर हो चुके मंदिरों और भवनों की ठीक से देखरेख न होने के चलते इन्हें ढहाने की चेतावनी जारी की है। नगर निगम के मुताबिक सुरक्षा के हिसाब से ये बेहद पुराने घर और मंदिर लोगों के खतरे की घंटी बन चुके हैं। इसके लिए लगभग 176 पुराने भवन औऱ मंदिरों के मालिकों और संरक्षकों को नोटिस भेजा गया है जिनमें ज्यादातर मंदिर, मंदिर का हिस्सा, धर्मशाला और श्रद्धालुओं के शेल्टर होम शामिल हैं। नगर निगम ने पुराने मंदिरों और भवनों के मालिकों-प्रशासन को अंतिम नोटिस जारी करके इन मंदिरों के पुनर्निर्माण के लिए वक्त दिया है। इसके लिए 15 दिन का समय दिया गया है, नहीं तो इन्हें ढहा दिया जाएगा। अयोध्या म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के कमिश्नर आरएस गुप्ता ने कहा कि चाहे वह मंदिर हो या घर हो, लोगों के पास उनका खुद का विकल्प होगा कि वे इसे तोड़ना चाहते हैं या इसे रिनोवेट करना चाहते हैं।
कमिश्नर ने ये भी कहा कि अगर भवन के मालिक या मंदर के संरक्षक इसे नष्ट करना चाहते हैं, ढहाना चाहते हैं तो वे नगर निगम से भी मदद मांग सकते हैं। 176 में से 59 लोगों ने अपने घरों को रिनोवेट किया है जिनमें से 6 लोगों ने अपनी बिल्डिंग को नष्ट करवा दिया है। अगर वे इसे रिनोवेट करवाना चाहते हैं तो इसकी भी पूरी जानकारी हमें दें। नगर निगम की तरफ से उन्हें 15 दिनों का समय दिया गया है। कहा गया है कि इस तय समय के भीतर उन्हें बता दिया जाए कि उन्हें क्या करना है वरना ये जर्जर भवन और मंदिर ढहा दिए जायेंगे। रामजन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, 'राज्य सरकार को प्राचीन मंदिरों की मरम्मत करानी चाहिए जो असुरक्षित पड़ चुके हैं।' मटिया मंदिर समिति के सदस्य रामचंद्र ने कहा, 'यह मंदिर 500 साल पुराना है और इसमें भगवान राम और हनुमान की मूर्तियां स्थापित हैं।'
जानकारी के मुताबिक अयोध्या में 200 के करीब ऐसे छोटे- बड़े मंदिर हैं जो सुरक्षा के लिहाज से काफी जर्जर अवस्था में पहुंच चुके हैं वहीं 176 करीब पुराने भवन हैं। नगर निगम के मुताबिक 6 बेहद जर्जर आवासीय अवस्था में पहुंच चुके हैं, उन्हें गिरा दिया गया है, बाकी के लिए नोटिस जारी किया गया है।
रामजन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, 'राज्य सरकार को प्राचीन मंदिरों की मरम्मत करानी चाहिए जो असुरक्षित पड़ चुके हैं।' मटिया मंदिर समिति के सदस्य रामचंद्र ने कहा, 'यह मंदिर 500 साल पुराना है और इसमें भगवान राम और हनुमान की मूर्तियां स्थापित हैं।' उन्होंने आगे कहा, ' हमारे पास इसकी मरम्मत के लिए पैसे नहीं है। इस तरह के प्राचीन मंदिरों का ढहाया जाना अच्छा निर्णय नहीं है। सरकार को कुछ मदद करनी चाहिए।' वासुदेव घाट स्थित पत्थर मंदिर के राम सजीवन दास ने कहा, 'हमारी जानकारी में यह मंदिर 400 से 500 साल पुराना है। सरकार को हमारी धरोहरें बचाने में मदद करनी चाहिए।'