अयोध्‍या पहुंचे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, 3 बजे साधु संतों से मिलेंगे

अयोध्‍या में शनिवार को राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर हलचल तेज हो गई है। शिवसेना और विश्‍व हिंदू परिषद अलग-अलग कार्यक्रम कर रहे हैं। मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने रविवार को 'धर्मसभा' का आयोजन किया है। वही शिवसेना शिवेसना यहां 'आर्शीवाद उत्सव' का आयोजन कर रही है। इसके लिए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी अयोध्‍या पहुंच गए हैैं। जहां वह 3 बजे साधु संतों से मिलेंगे। साथ ही 6 बजे सरयू घाट पर आरती में शामिल होंगे। इस दौरान उनके साथ उनकी पत्‍नी और बेटे आदित्य ठाकरे भी साथ रहेंगे। 25 नवंबर को वह सुबह 9 बजे राम जन्मभूमि में रामलला के दर्शन करेंगे। शिवसेना के इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दो ट्रेनों में शिवसैनिक अयोध्‍या पहुंच चुके हैं।

चांदी की ईंट

सूत्रों के अनुसार, उद्धव ठाकरे राम मंदिर निर्माण के लिए महाराष्‍ट्र से अपने साथ चांदी की एक ईंट लेकर आ रहे हैं, जिसे वह संतों को सौंपेंगे। वहीं शिवसेना अध्यक्ष के साथ उनकी पत्नि रश्मि ठाकरे और उनके बेटे व शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे भी अयोध्‍या पहुंचे हैं।

मुख्‍यमंत्री योगी ने बुलाई बड़ी बैठक


अयोध्‍या में शनिवार को शिवसेना और रविवार को होने जा रहे विश्‍व हिंदू परिषद के कार्यक्रम को लेकर माहौल गरम है। इसी बीच मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने अयोध्‍या की मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए बड़ी बैठक बुलाई है। यह बैठक शनिवार को लखनऊ में देर शाम 08:30 बजे होगी। माना जा रहा है कि इस बैठक में अयोध्‍या की मौजूदा स्थिति पर चर्चा हो सकती है।

रविवार को विहिप का कार्यक्रम

इसके अलावा रविवार को अयोध्‍या में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की तरफ धर्मसभा का आयोजन किया गया है। शिवसेना प्रमुख के कार्यक्रम को देखते हुए अयोध्‍या की चाकचौबंद कर दी गई है। शनिवार को अयोध्‍या के सभी स्‍कूल-कॉलेज भी बंद रखे गए हैं। साथ ही बड़ी संख्‍या में सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया है।

कांग्रेस का निशाना

वहीं कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेत प्रमोद तिवारी ने कहा है कि अयोध्या में 25 नवंबर को शिवसेना प्रमुख के आगमन से पहले वहां के माहौल को सांप्रदायिक बनाने की कोशिश की जा रही है, जो किसी भी हाल में नहीं होना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि राम मंदिर का मामला अभी कोर्ट में है। इसलिए सभी को इंतजार करना चाहिए या फिर आपसी सहमति का रास्ता कोई निकल सके तो उस पर बात होनी चाहिए।

लेकिन जिस तरह से सरकार में शामिल सहयोगी दल और उनके नेता लगातार अयोध्या के माहौल को गर्मा रहे हैं, इससे वहां के हालात को खराब होने से कोई रोक नहीं सकता। केन्द्र और राज्य सरकार में शामिल लोग जिस तरह से एक भीड़ को लाने और लोगों को प्रेरित करने का काम कर रहे हैं तो वहां के हालात से निपटने और कानून व्यवस्था को बरकरार रखने की दोनों की जिम्मेदारी उन्हीं लोगों की होगी।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम


अयोध्‍या में धारा 144 लगाई जा चुकी है। आज अयोध्‍या में स्‍कूल-कॉलेज बंद रहेंगे। शहर की करीब 50 स्‍कूलों में सुरक्षाबलों के कैंप लगाए गए हैं। लखनऊ में पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि अयोध्या में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी, एक उप पुलिस महानिरीक्षक, तीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, 10 अपर पुलिस अधीक्षक, 21 क्षेत्राधिकारी, 160 इंस्पेक्टर, 700 कांस्टेबिल, पीएसी की 42 कंपनी, आरएएफ की पांच कंपनियां तैनात की गई हैं। इसके अलावा, एटीएस के कमांडो और ड्रोन कैमरे भी निगरानी के लिए तैनात किए गए हैं।

भय का माहौल बिल्कुल भी नहीं : प्रशासन

अयोध्या के कलेक्टर अनिल कुमार ने कहा कि हम स्थानीय लोगों से लगातार संपर्क में हैं। भय का माहौल बिल्कुल भी नहीं है। शिवसेना और विश्व हिंदू परिषद का कार्यक्रम प्रशासन की अनुमति के बाद आयोजित किया गया है। प्रशासन की शर्तों पर सभी कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, इसलिए डरने जैसी कोई बात नहीं है। सुरक्षा के मद्देनजर शुक्रवार को तीन और IPS अधिकारी को अयोध्या में तैनात किया गया है। जोन के सभी अधिकारी 24 घंटे कैंप लगाकर और घूम-घूम कर निगरानी करेंगे।