72 घंटे, 32 सांस्कृतिक दलों का कार्यक्रम, 4 लाख से ज्यादा दीये, इस बार दिवाली पर अयोध्या में बनेगा नया रिकॉर्ड

रामनगरी अयोध्या (Ayodhya) में इस बार दिवाली (Diwali) ज्यादा जगमग होने वाली है। 24, 25 और 26 अक्टूबर को अयोध्या को रौशन करने के लिए प्रशासन और लोगों ने पूरी तैयारी कर ली है। इस बार सिर्फ राम की पैड़ी ही नहीं बल्कि पूरी अयोध्या में तीन दिनों तक हर घर में दीये जलाए जायेंगे। जिला प्रशासन, अयोध्या नगर निगम और शहर के बड़े शैक्षणिक संस्थान इस मुहिम में जुट गए हैं। गुप्तारघाट, भरतकुंड समेत अयोध्या के 13 प्रमुख मंदिरों में तीन दिनों तक हर दिन 5001 दीये जलेंगे। इसके अलावा अयोध्या के सभी 10 हजार मंदिरों और घरों में भी दीये जलाए जाएंगे। दरहसल, 18 अक्टूबर को राम मंदिर पर फैसला आने वाला है, लोगों को उमीद है कि इस फैसले से बड़ी खुशी मिल सकती है। ऐसे में दिवाली में अयोध्या के लोगों को दोहरी खुशी का तोहफा मिल सकता है। वही इस बार अयोध्या के दीपोत्सव में पांच देशों की रामलीला मंडलियों को बुलाया गया है। ये देश हैं- मॉरिशस, थाईलैंड, इंडोनेशिया, सूरीनाम और नेपाल। इन देशों की रामलीला मंडलियां अपनी शैली में रामलीला का मंचन करेंगी। इसके अलावा देश के विभिन्न कोनों से करीब 32 सांस्कृतिक दलों का कार्यक्रम होगा। पिछले साल करीब 25 सांस्कृतिक दल आए थे। इसके अलावा श्रीलंका से भी विभिन्न प्रकार के कलाकार आएंगे। चित्रकला प्रदर्शनी भी लगेगी। इनमें भगवान राम के जीवन का चित्रण किया जाएगा।

आजतक की खबर के अनुसार अवध विश्वविद्यालय के कुलपति मनोज दीक्षित ने बताया कि इस बार यूनिवर्सिटी और उससे जुड़े सभी कॉलेजों के स्टूडेंट्स वॉलंटियर कर रहे हैं। वॉलंटियर बनने के लिए अब तक 5 हजार बच्चों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। ये सभी वॉलंटियर पूरे जिले के हर घर में जाकर दीये जलाने के लिए लोगों को प्रेरित करेंगे और दीये जलाने में मदद करेंगे।

अवध विश्वविद्यालय के कुलपति मनोज दीक्षित ने बताया कि इस बार कुल चार लाख दीये जलाने का कार्यक्रम है। इस बार पिछले साल से ज्यादा दीये जलाने का रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है। हालांकि दीयों की संख्या के बारे में अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन यह जरूर माना जा रहा है कि तीन दिनों में इतने दीये तो जल ही जाएंगे।

अयोध्या नगर निगम के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने बताया कि इस बार कनक भवन, हनुमान गढ़ी, दशरथ महल, मणिराम दास छावनी, छोटी देवकाली, गुप्तारघाट, भरतकुंड समेत जिले 13 बड़े मंदिरों में 24 से लेकर 26 अक्टूबर तक हर शाम 5001 दीये जलाए जाएंगे। इसके अलावा जिला प्रशासन ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों, शिक्षकों और बच्चों के जरिए कार्यक्रम को सफल बनाने की योजना तैयार की गई है। लोगों की जनभागीदारी बढ़ाने के लिए लोगों से बातचीत की जा रही है। घोषणाएं की जा रही हैं। कई समाजसेवी संस्थाएं भी सामने आ रही हैं, जो दीपोत्सव को बड़ा और अद्भुत बनाने की मुहिम से जुड़ी हुई हैं।