इन 3 फलों के कारण फैल रहा है निपाह वायरस, भूलकर भी न खाएं

केरल से शुरू हुए निपाह वायरस का खौफ पूरे भारत में देखने को मिल रहा है। दिल्ली-एनसीआर के लोगों को भी इस वायरस को लेकर अलर्ट कर दिया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने निपाह को एक उभरती बीमारी करार दे चुका है। WHO के मुताबिक, निपाह वायरस चमगादड़ की एक नस्ल में पाया जाता है। यह वायरस उनमें प्राकृतिक रूप से मौजूद होता है। चमगादड़ जिस फल को खाते है, उनके अपशिष्ट जैसी चीजों के संपर्क में आने पर यह वायरस किसी भी अन्य जीव या इंसान को प्रभावित कर सकता है। ऐसा होने पर ये जानलेवा बीमारी का रूप ले लेता है। ये वायरस तीन फलों में हो सकता है। ऐसे में इन्हें भूलकर भी न खाएं। हाल ही में केरल में हुई रहस्यमयी मौतों का कारण 'निपाह वायरस (NiV)' को बताया गया है।

राजस्थान में भी सतर्कता के निर्देश

राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सर्राफ ने प्रदेश में निपाह वायरस की रोकथाम के लिए अधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। सर्राफ ने कहा कि केरल में अनेक प्रवासी राजस्थानी निवास करते हैं और उनका राजस्थान में आना-जाना लगा रहता है। लिहाजा अतिरिक्त सावधानी बरती जाए।

गोवा सरकार भी सतर्क

गोवा सरकार ने निपाह वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राज्य के चिकित्सकों को सतर्क रहने को कहा है। स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने कहा कि अगर किसी मरीज में इस वायरस के लक्षण दिखते हैं तो चिकित्सकों से फौरन उस व्यक्ति के नमूने जांच के लिए भेजने को कहा गया है। फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है।

केरल से आने वाला फल केला

केरल में फैले निपाह वायरस से फिलहाल दिल्ली में कोई खतरा नहीं है। लेकिन, चिकित्सकों का कहना है कि लोगों को बचाव के उपाय जरूर कर लेने चाहिए। केरल से जो केले आ रहे हैं, उनको खाने से बचें। अगर खाना ही है तो अच्छे से धोकर खाएं। क्योंकि, उत्तर भारत में ज्यादातर केले, केरल से आते हैं। ऐसे में इन्हें खाना सेहत के लिए सही नहीं है।

धोकर खाएं खजूर और आम

खजूर और आम को भी धोकर खाएं। रमजान के महीने में खजूर सबसे ज्यादा खाए जाते हैं। दिल्ली में बड़ी मात्रा में केले और खजूर केरल से मंगाए जाते हैं। निपाह वायरस से प्रभावित केरल के कालीकट और मल्लापुरम जिले में केले और खजूर की बड़ी मात्रा है। एम्स के डॉक्टर्स की टीम यहां जांच कर रही है। ऐसे में यहां से आने वाले फलों को ध्यान से खाना चाहिए।

क्या है निपाह वायरस और उसके लक्षण

- यह इंसान तथा जानवरों में फैलने वाला नया संक्रमण है।
- 1998 के दौरान मलेशिया के कामपुंग सुनगेई निपाह में सबसे पहले इस वायरस की पहचान हुई। उस समय सुअरों को इसका वाहक बताया गया था। हालांकि बाद में फैले इस वायरस का कोई वाहक नहीं पाया गया।
- बांग्लादेश में 2004 में यह वायरस फैला। इस बार इसका कारण संक्रमित चमगादड़ के खाए फलों का सेवन करना पाया गया।
- भारत में सबसे पहले यह वायरस जनवरी 2001 में सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) में फैला था जबकि अप्रैल 2007 में पश्चिम बंगाल के नादिया तक पहुंच गया था।
- मनुष्‍यों में निपाह वायरस, encephalitis से जुड़ा हुआ है, जिसकी वजह से ब्रेन में सूजन आ जाती है। बुखार, सिरदर्द, चक्‍कर, मानसिक भ्रम, कोमा और आखिर में मौत, इसके प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं। 24-28 घंटे में यदि लक्षण बढ़ जाए तो इंसान को कोमा में जाना पड़ सकता है। कुछ केस में रोगी को सांस संबंधित समस्‍या का भी सामना करना पड़ सकता है।

भारतीय सेना भी चिंतित

केरल के कोजिकोडे जिले में फैले निपाह वायरस ने भारतीय सेना को भी चिंता में डाल दिया है। निपाह वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सेना के डायरेक्‍टर जनरल आफ मेडिकल सर्विसेस की तरफ से एक एडवाइजरी आर्मी के सभी छह कमांड हेडक्‍वाटर्स को भेजी गई है। सेना की एडवाइजरी में बताया गया है कि निपाह वायरस के संक्रमण से अब तक केरल के कोजिकोडे जिले में अब तक तीन मौतें हो चुकी है। हालांकि केरल सरकार ने निपाह वायरस से दस लोगों के मौत की पुष्टि की है।

सेना ने दी जवानों को सलाह

केरल सहित भारत में इस वायरस को पहली बार डि‍टेक्‍ट किया गया है। सेना ने अपने सभी सैनिकों और अधिकारियों को सलाह दी है कि इस संक्रमण से बचने के लिए चमगादड़ और सुअर से दूरी बनाकर रखें। सेना ने खास तौर पर अपने सैनिकों को ताकीत किया है कि संक्रमित इलाकों में पेड़ो से जमीन पर गिरे फलों का सेवन बिल्‍कुल भी न करें। इन फलों के खाने से वे संक्रमण का शिकार हो सकते हैं।