पंजाब : ठगने के लिए आरोपियों ने बना डाली पूर्व डीएसपी की फर्जी फेसबुक आईडी, फिर मांगे पैसे

आरोपी में खौफ कम होता नजर नहीं आ रहा हैं और अब उन्होंने ठगने के लिए चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारी का नाम और फोटो इस्तेमाल कर फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर उनके दोस्तों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज ठगने की कोशिश की। गुरुवार को क्राइम ब्रांच के पूर्व डीएसपी जगबीर सिंह को इसका पता चलते ही डीएसपी ने मामले की शिकायत साइबर सेल में की। पुलिस की शुरुआती जांच में फेसबुक आईडी बनाने वाले की लोकेशन उत्तर प्रदेश के मथुरा के आसपास मिली है।

दरअसल, पूर्व डीएसपी जगबीर सिंह का किसी ने फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर उनके दोस्तों को गुुरुवार सुबह से रिक्वेस्ट भेजना शुरू कर दिया। कई जानकारों ने डीएसपी जगबीर की सही आईडी समझकर अपने दोस्तों की लिस्ट में भी शामिल कर लिया। इसके बाद ठग ने फेसबुक मैसेंजर से दोस्तों का हालचाल जाना और फिर 10 से 20 हजार रुपये की मदद मांगनी शुरू कर दी।

शातिर ने अपने मैसेज में कहा कि रुपयों की सख्त जरूरत है, बाद में वापस लौटा देंगे। यह मैसेज पढ़कर उनके दोस्तों को कुछ अजीब लगा तो उन्होंने जगबीर सिंह को फोन किया। इसके बाद जगबीर सिंह ने फेसबुक अकाउंट पर दोस्तों से फर्जी अकाउंट को मान्य न करने की अपील की। मेरा सिर्फ यही अकाउंट है, अगर कोई रिक्वेस्ट आए तो मेरे मोबाइल नंबर पर संपर्क करें। इसके बाद कई लोगों ने कमेंट कर कहा कि उनके पास भी आए मैसेज में रुपये मांगे जा रहे हैं।

फर्जी आईडी का पता दोस्तों से चला

जगबीर सिंह ने बताया कि गुरुवार सुबह मोबाइल पर एक जानकार का फोन आया। उन्होंने बताया कि आपके नाम से कोई फेसबुक मैसेंजर से मैसेज भेजकर रुपयों की मांग कर रहा है। यह सुनकर हैरान रह गया। उन्होंने अपनी आईडी चेक की और दोस्तों को आगाह करते हुए पोस्ट लिखा ताकि कोई ठगी का शिकार न हो सके।

ऐसे करते हैं ठगी करने की कोशिश

शातिर ठग यूटी पुलिस के इंस्पेक्टर या डीएसपी की फर्जी आईडी बनाकर पहले दोस्तों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। इसके बाद वह फेसबुक मैसेंजर के जरिए गुड मॉर्निंग का मैसेज भेजकर चैटिंग शुरू करते हैं और फिर उनसे पैसों की मांग कर मोबाइल नंबर भेजकर गूगल-पे के जरिए पैसे भेजने को कहते हैं। यह भी वादा करते हैं कि उनके पैसे कुछ दिन में लौटा दिए जाएंगे।

डेढ़ महीने में तीसरी घटना

बता दें कि बीते 5 सितंबर को तत्कालीन ईस्ट डीएसपी दिलशेर सिंह चंदेल और 27 सितंबर को पूर्व इंस्पेक्टर अच्छर चंद का फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर लोगों को रिक्वेस्ट भेजकर 20 हजार रुपये मांगे गए थे। मामले की शिकायत साइबर सेल को दी गई थी लेकिन मामला अब तक अनसुलझा पड़ा है। वहीं, अब डेढ़ महीने में यूटी पुलिस के अधिकारियों के साथ तीसरी घटना हुई।