असम नाव दुर्घटना: 90 में से 87 यात्री सुरक्षित, 2 लापता और 1 की मौत

असम की ब्रह्मपुत्र नदी में नाव दुर्घटना के बाद रात भर चले अभियान में 90 में से 87 लोगों को बचा लिया गया है। हालांकि एक व्यक्ति की मौत हो गई है और दो लोग अभी भी लापता हैं। इस बात की खुद असम के मुख्यमंत्री हिमंत विस्वा सरमा ने दी। उन्होंने बताया कि 90 में से 87 लोगों की पहचान हो गई है, वे अस्पताल में या घर पर सही सलामत हैं। अभी तक 1 मौत हुई है। 2 लोग लापता हैं। सर्च ऑपरेशन जारी है। मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि दुर्घटना मामले में तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। ये तीनों अधिकारी अंतर्देशीय जल परिवहन (IWT) विभाग के हैं। सीएम सरमा ने कहा, ‘जोरहाट जिला प्रशासन को दुर्घटना पर क्रिमिनल केस दर्ज करने का निर्देश दिया है। साथ ही इस दुर्घटना की हाई-लेवल जांच भी की जाएगी।’ साथ ही उन्होंने कहा कि जोरहाट और माजुली को जोड़ने वाला एक पुल निर्माणाधीन है। मंत्रियों का एक समूह इसके निर्माण कार्य की समीक्षा करेगा।

इसके अलावा असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से प्राइवेट नावों के परिचालन को बंद कर दिया जाएगा क्योंकि उनमें समुद्री इंजन नहीं है। अगर नाव के मालिक सिंगल इंजन को मरीन इंजन में बदलना चाहते हैं, तो सरकार उन्हें 75% सब्सिडी के साथ 10 लाख रुपये का अनुदान देगी। जोरहाट के पुलिस अधीक्षक अंकुर जैन ने कहा कि दुर्घटना के बाद लापता हुए दोनों लोग जोरहाट और लखीमपुर जिलों से थे। इनकी तलाश में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के गोताखोर लगे हुए हैं और सेना भी सहयोग कर रही है। उन्होंने कहा, 'गोताखोर गुरुवार सुबह भी नाव के अंदर गए और उन्हें वहां कोई शव नहीं मिला। सेना के गोताखोरों ने भी क्षेत्र में तलाश की। लापता लोगों की तलाश में वायु सेना हवाई सर्वेक्षण करेगी।'

1.5 किलोमीटर दूरी मिला नाव का मलबा

जोरहाट के उपायुक्त अशोक बर्मन ने बताया कि नाव का मलबा ब्रह्मपुत्र नदी में करीब 1.5 किलोमीटर की दूरी पर मिला। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के जवानों ने उल्टी पड़ी नाव के तल को काटा ,लेकिन उसके अंदर कोई नहीं था।