अशोक गहलोत : अंगदान कर दूसरों का जीवन बचाना मृत्यु के बाद भी करता है गौरवान्वित

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सवाई मानसिंह चिकित्सालय जयपुर द्वारा एक सप्ताह में दूसरी बार सफलतापूर्वक अंग प्रत्यारोपण करने पर एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी एवं अंग प्रत्यारोपण करने वाले चिकित्सकों की पूरी टीम को बधाई दी है। गहलोत ने कहा कि देशभर में प्रतिवर्ष हजारों मरीजों की मृत्यु शरीर के महत्वपूर्ण अंगों के कार्य करना बंद करने से हो जाती है।

ऐसे में सही समय पर अंग प्रत्यारोपित कर गंभीर बीमारियों से जुझ रहे कई मरीजों को जीवनदान दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अंगदान महादान है। अंगदान कर दूसरों का जीवन बचाना मृत्यु के बाद भी अंगदाता और उसके परिजनों को गौरवान्वित करता है। गहलोत ने कहा कि यह सकारात्मक संदेश आज समाज के हर व्यक्ति तक पहुंचाने की आवश्यकता है ताकि ब्रेनडेड घोषित किए गए मरीज के परिजन समय पर उस मरीज के अंगों को दान करने के लिए मोटिवेट हो सकें।

उल्लेखनीय है कि सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती 14 वर्षीय विशाल के ब्रेन डेड घोषित होने के बाद डाॅक्टरों की समझाइश से उसके परिजनों ने अंगदान करने का फैसला लिया। इसके बाद विशाल की दो किडनी एसएमएस अस्पताल में ही जरूरतमंदों को लगाई गईं।

मरीज का लीवर महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल, जयपुर भेजा गया जबकि दोनों फेफड़े एवं हृदय चार्टर्ड विमान से चेन्नई भेजे गए जहां उनका सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया गया। सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य व सोटो के चेयरमैन डॉ सुधीर भंडारी ने बताया कि राज्य में कार्यरत स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन की टीम डॉ. अमरजीत मेहता, डॉ मनीष शर्मा, डॉ अजीत सिंह व रोशन बहादुर तथा सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर्स के अथक प्रयासों से विशाल के परिवारजन को अंगदान के लिए प्रेरित किया गया।