उत्तर प्रदेश 'Uttar Pradesh' के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 'Yogi Adityanath' के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 'Atal Bihari Vajpayee' की अस्थियां 'ashes' राज्य के 75 जिलों की सभी 163 नदियों में विसर्जित की जाएंगी। सरकार के एक बयान के मुताबिक ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि हर जिले में लोगों को उनकी इस अंतिम यात्रा से जोड़ा जा सके। यूपी में 75 जिले हैं और कुल 47 नदियां। चूंकि एक नदी कई जिलों से होकर गुजरती है इसलिए वाजपेयी की अस्थियां गंगा में 25 बार, यमुना में 18 बार, घाघरा में 13 बार, गोमती में 10 बार, रामगंगा में 7 बार, ताप्ती में 6 बार, हिंडन में 6 बार और गंडक में 4 बार विसर्जित की जाएंगी।
इसके अलावा तमाम छोटी-छोटी नदियों में भी अस्थि विसर्जन होगा। इस तरह 75 जिलों की सभी 163 नदियों में उनकी अस्थियां विसर्जित की जाएंगी। इसके पहले इतिहास में कभी किसी की अस्थियां इतने बड़े पैमाने पर विसर्जित नहीं की गई हैं।
अगर यूपी की एक नदी अस्थियों का एक कलश विसर्जन के लिए भेजा गया तो इस तरह अस्थियों के 163 कलश बनाने होंगे। वाजपेयी जी किसी एक प्रदेश के नहीं थे, अगर सिर्फ यूपी की सारी नदियों में उनी अस्थियों का विसर्जन हुआ और देश की बाकी नदियों में नहीं हुआ तो क्या यह दूसरे प्रदेशों के उनके चाहने वालों के साथ ज्यादती नहीं होगी?