बीजेपी की सत्ता में वापसी से डरे नहीं मुसलमान : ओवैसी

बीजेपी के सत्ता में दोबारा आने के बाद शुक्रवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मक्का मस्जिद में एक सभा को संबोधित करते हुए देश के मुसलमानों को कहा कि आप लोगों को डरने की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि संविधान सभी नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है। उन्होंने कहा, 'भारत का कानून, संविधान हमें इस बात की इजाजत देता है कि हम अपने धर्म का पालन करें।' उन्होंने कहा, 'जब भारत के प्रधानमंत्री मंदिर जा सकते हैं तो हम भी गर्व के साथ मस्जिद जा सकते हैं।'

बता दे, लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद बीजेपी और बाबा रामदेव पर ओवैसी ने करारा हमला बोलते हुए कहा था कि पार्टी ने राष्ट्रवाद को भुनाया और चुनाव के दौरान हिंदुत्व कार्ड खेला।ओवैसी ने कहा बीजेपी ने ईवीएम में नहीं हिंदू दिमाग के साथ हेराफेरी की। इस चुनाव में जात-पात और धर्म अहम मुद्दा अहम साबित हुआ। बीजेपी ने हिंदुत्व कार्ड खेला और वह कामयाब रही। पूरे चुनाव में विकास का मुद्दा गायब रहा।

वही रामदेव द्वारा देश में बढ़ती जनसंख्या को लेकर दिए गए बयान पर भी ओवैसी ने कहा था कि रामदेव के बयान पर इतना ध्यान क्यों दिया जा रहा है। ओवैसी ने तंज भरा ट्वीट करते हुए रामदेव पर निशाना साधा था और कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केवल इसलिए अपना वोट का अधिकार नहीं खोना चाहिए क्योंकि वह अपने माता-पिता के तीसरे बच्चे हैं। ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा था, 'लोगों को असंवैधानिक बातें कहने से रोकने के लिए कोई कानून नहीं है, लेकिन रामदेव के विचारों पर अनुचित ध्यान क्यों दिया जाता है? वह अपने पेट के साथ कुछ कर सकते हैं या अपने पैरों को घुमा सकते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि नरेंद्र मोदी अपना वोट देने का अधिकार सिर्फ इसलिए खो दें, क्योंकि वह तीसरी संतान हैं।' बता दें, पीएम मोदी दामोदरदास मोदी और हीराबा मोदी की तीसरी संतान हैं। पीएम मोदी का गुजरात के वाडनगर में 17 सितंबर 1950 में जन्म हुआ था।

दरअसल बाबा रामदेव ने कहा था कि देश में बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा था कि जनसंख्या निंयत्रण तभी संभव होगा जब सरकार ऐसा नियम बनाती है कि जिसका भी तीसरा बच्चा होगा उसे वोट करने से और सरकार द्वारा दी जा रही अन्य सुविधाओं से वंचित कर दिया जाए। ऐसे लोगों को चुनाव न लड़ने दिया जाए।