जाने क्यों खास है अरविंद केजरीवाल के लिए रामलीला मैदान?

अरविंद केजरीवाल की शपथ ग्रहण समारोह के लिए सजकर तैयार हो गया दिल्ली का रामलीला मैदान। अरविंद केजरीवाल आज तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह के मद्देनजर रामलीला मैदान और उसके आसपास के इलाके में बहुस्तरीय सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि शपथ समारोह सुबह 10 बजे से शुरू होगा। समारोह में दिल्ली के भाजपा सांसद और विधायकों के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया है। AAP ने पहले ही कहा था कि अन्य राज्यों के कोई मुख्यमंत्री या राजनीतिक नेता इस आयोजन का हिस्सा नहीं होंगे, क्योंकि यह 'दिल्ली-विशिष्ट' समारोह होगा।

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आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल का इस रामलीला ग्राउंड से बहुत पुराना नाता है। ये वही रामलीला मैदान है, जहां से अरविंद केजरीवाल इतने बड़े राजनीतिक चेहरा बने। यहीं से उन्होंने राजनीति की पाठशाला में एंट्री ली थी, और यहीं से दिल्ली का सिंहासन हासिल किया था। साल 2013 में भ्रष्टाचार के विरुद्ध अन्ना आंदोलन के मुख्य कर्णधारों में अरविंद केजरीवाल भी थे। आंदोलन चला, आंदोलन खत्म हुआ, अन्ना वापस रालेगण सिद्धि लौट गए, मगर अरविंद डटे रहे।

इस मैदान से अरविंद ने पार्टी बनाने का ऐलान किया। चुनाव लड़े, चुनाव जीते और पहली बार इसी राम लीला मैदान से मुख्यमंत्री की शपथ ली। यही नहीं दूसरी बार भी अरविंद केजरीवाल ने इसी रामलीला मैदान से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। अब एक बार फिर यानी तीसरी बार इसी रामलीला मैदान से वो शपथ लेने के लिए तैयार हैं। अरविंद केजरीवाल ने आठ बरस पहले यहीं से राजनीति के गलियारे की ओर जो पहला कदम बढ़ाया था, उसे नापकर अब वो तीसरी बार दिल्ली के मुखिया बन गए हैं।

आदमी पार्टी को उम्मीद है कि रविवार को रामलीला मैदान में होने जा रहे शपथ ग्रहण समारोह में एक लाख लोग पहुंचेंगे। गोपाल राय ने कहा है कि समारोह में लगभग एक लाख लोगों के पहुंचने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि आम आदमी छह गेटों- गेट नंबर 4, 5, 6, 7, 8 और 9 से रामलीला मैदान में प्रवेश कर सकेंगे। मैदान में करीब 45 हजार कुर्सियां लगाई गई हैं। सभी कुर्सियां किसी वीआईपी गेस्ट के लिए नहीं बल्कि दिल्ली की उस जनता के लिए लगाई गई हैं जिसने दिल्ली के सिंहासन पर आम आदमी पार्टी को एक बार फिर बैठा दिया है।