आलोचना : पी चिदंबरम बोले- अगर हिंदू बहुल राज्य होता कश्मीर तो अनुच्छेद 370 नहीं हटाती BJP

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाने को लेकर पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने मोदी सरकार (Modi Government) की आलोचना करते हुए कहा कि अगर जम्मू कश्मीर हिंदू बहुल राज्य होता तो BJP इस राज्य का विशेष दर्जा नहीं छीनती। पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि यदि जम्मू कश्मीर हिंदू बहुल राज्य होता तो भाजपा कभी भी ऐसा नहीं करती। उन्होंने ऐसा केवल इसलिए किया क्योंकि यह मुस्लिम बहुल है। चिदंबरम ने कहा कि देश के 70 साल के इतिहास में ऐसा कभी कोई उदाहरण नहीं आया जब एक राज्य को केन्द्रशासित प्रदेश बना दिया गया हो। बीजेपी ने अपनी ताकत से अनुच्छेद को समाप्त किया। कांग्रेस नेता ने कहा कि जम्मू कश्मीर के सौरा क्षेत्र में लगभग 10 हजार लोगों ने विरोध किया जो एक सच है, पुलिस ने कार्रवाई की जो एक सच है और इस विरोध के दौरान हुई गोलीबारी एक सच्चाई है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के कदम की निंदा करने के लिए यहां एक जनसभा हुई थी। उन्होंने कहा, ' बीजेपी का दावा है कि कश्मीर में हालात ठीक हैं। अगर भारतीय मीडिया घराने जम्मू-कश्मीर में अशांति की स्थिति को कवर नहीं करते हैं तो क्या इसका मतलब स्थिरता होता है?' पी चिदंबरम ने कहा कि जम्मू कश्मीर अस्थिर है और अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियां इस अशांत स्थिति को कवर कर रही हैं, लेकिन भारतीय मीडिया घराने ऐसा नहीं कर रहे हैं।

चिदंबरम ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पूर्व गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के बीच कभी भी संघर्ष की स्थिति नहीं थी। उन्होंने कहा, 'पटेल कभी भी आरएसएस के पदाधिकारी नहीं रहे थे। बीजेपी का कोई नेता नहीं है, वे हमारे नेता को चुरा रहे हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन चोरी करता है, इतिहास यह नहीं भूलता कि कौन किससे जुड़ा हुआ है।'

चिदंबरम ने सात राज्यों में सत्तारूढ़ सात क्षेत्रीय दलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्होंने राज्यसभा में बीजेपी के कदम के खिलाफ ‘‘भय’’ के कारण सहयोग नहीं किया। विपक्षी पार्टियों के असहयोग पर असंतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, 'हमें पता है कि लोकसभा में हमारे पास बहुमत नहीं है लेकिन सात पार्टियों (अन्नाद्रमुक, वाईएसआरसीपी, टीआरएस, बीजद, आप, टीएमसी, जद(यू) ने सहयोग किया होता तो विपक्ष राज्यसभा में बहुमत में होता। यह निराशाजनक है।'