फारूक अब्दुल्ला बोले- मैं अपनी मर्जी से घर में क्यों रहूंगा, जबकि मेरा राज्य जल रहा है, अनुच्छेद 370 को लेकर कोर्ट जाएंगे

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के सरकार के फैसले से नाराज नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया से कहा कि हम शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं। मेरा देश सेक्युलर और लोकतांत्रिक है, हम अनुच्छेद 370 को चुनौती देंगे। हम पत्थरबाज या ग्रेनेड फेंकने वाले नहीं हैं। ये हमारी हत्या करना चाहते हैं। हम शांति में विश्वास रखते हैं और हम शांति से अपनी लड़ाई लड़ेंगे। फारूक अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि मैं अपनी मर्जी से घर में क्यों रहूंगा, जबकि मेरा राज्य जल रहा है। लोगों को जेल में डाला जा रहा है। यह वह भारत नहीं है, जिसमें मैं विश्वास करता हूं। फारूक ने कहा कि गृहमंत्री सदन में झूठ बोल रहे हैं, मुझे नजरबंद किया गया। अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि फारूक अब्दुल्ला को नजरबंद या गिरफ्तार नहीं किया गया है। अमित शाह ने कहा मैंने तीन बार स्पष्ट किया है, फारूक अब्दुल्ला जी अपने घर पर हैं, वह नजरबंद नहीं हैं। उनकी सेहत ठीक है, मौज-मस्ती में हैं, अनको नहीं आना है तो बंदूक कनपट्टी पर रखकर हम नहीं ला सकते हैं।

वही नेशनल कांफ्रेंस नेता अब्दुल्ला ने कहा, ''जब मेरा राज्य जलाया जा रहा है, तब मैं अपने घर के अंदर क्यों रहूंगा? यह वह भारत नहीं है जिस पर मुझे विश्वास है। अनुच्छेद 370 को हटाया जाना असंवैधानिक है। इसके खिलाफ कोर्ट जाएंगे। हम शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं। मेरा देश सेक्युलर और लोकतांत्रिक देश है।''

अब्दुल्ला ने कहा, ''जैसे ही गेट खुलेगा और हमारे लोग बाहर होंगे, हम लड़ेंगे, हम कोर्ट जाएंगे। हम बंदूक चलाने वाले, ग्रेनेड फेंकने वाले, पत्थर फेंकने वाले नहीं हैं, हम शांति में विश्वास करते हैं। वे हमारी हत्या करना चाहते हैं। मेरा बेटा (उमर अब्दुल्ला) जेल में है।''

आपको बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया और जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांटकर केंद्र शासित प्रदेश बनाने की घोषणा की। कश्मीर मुद्दे पर आज लोकसभा में चर्चा चल रही है। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष में काफी तकरार दिखा।

वही सोमवार को जम्मू-कश्मीर पर फैसला लिए जाने से एक दिन पहले आधी रात को बड़े नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था। उसके अगले दिन नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। इन नेताओं में उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और सज्जाद लोन जैसे नेता हैं।