डोनाल्ड ट्रंप के ‘हिंदू-मुसलमान’ बयान पर भड़के ओवैसी, कहा - मोदी सरकार चुप क्यों है?

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्य़स्थता की इच्छा जताई है। ट्रंप ने कहा स्थिति को सामान्‍य बनाने के लिए वह हरसंभव उपाय और मध्‍यस्‍थता भी करने को तैयार हैं। ट्रंप ने कहा है कि कश्मीर में तनाव के पीछे धर्म का अहम हाथ है। मध्यस्थता की पेशकश के बीच उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा, 'कश्मीर बेहद जटिल जगह है। यहां हिंदू हैं और मुसलमान भी और मैं नहीं कहूंगा कि उनके बीच काफी मेलजोल है। मध्यस्थता के लिए जो भी बेहतर हो सकेगा, मैं वो करूंगा।' डोनाल्ड ट्रंप के हिंदू-मुसलमान’ वाले बयान पर एक बार फिर सियासत गरमा गई है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। ओवैसी ने पूछा है कि क्या भारत में हिंदू-मुसलमान एक समस्या है? अगर नहीं तो सरकार चुप क्यों है? असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करके कहा है, ‘’क्या भारत में हिंदू-मुसलमान समस्या है? अगर नहीं तो डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर सरकार चुप क्यों है? स्पष्ट नहीं करके क्या हम स्वीकार कर रहे हैं कि हमें दोनों समुदायों से कोई समस्या है?’’

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कश्मीर मुद्दे को लेकर फोन पर हुई बातचीत पर भी असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल खड़े किए थे। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था, ‘’हमारे पीएम ने फोन पर कश्मीर को लेकर डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत की। ट्रंप हमारे लिए क्या है? क्या वह पूरी दुनिया के पुलिसकर्मी हैं या वह कोई चौधरी हैं? उन्होंने कहा, ‘’कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है और किसी तीसरे पक्ष को हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं है।’’

गौरतलब है कि 19 अगस्त को पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बातचीत कर उनको पाकिस्तान की तरफ से दिए जा रहे भारत-विरोधी उग्र बयानों से अवगत कराया था। पीएम मोदी ने क्षेत्र के कुछ नेताओं द्वारा दिए जा रहे भारत विरोधी उग्र और हिंसा भड़काने वाले बयान का जिक्र किया और कहा, ‘’यह शांति के लिए अनुकूल नहीं है।’’ आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद से पाकिस्तानी नेतृत्व कश्मीर मसले को लेकर भारत के विरोध में जहर उगल रहा है।

क्या कहा डोनाल्ड ट्रंप ने?

बता दे, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों (भारत और पाकिस्तान) के बीच तनाव है और हम मध्यस्थता करवाने के लिए तैयार हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, मैं पूरी कोशिश करूंगा कि मैं मध्यस्थता करूं या कुछ और कर सकूं। हमारे भारत और पाकिस्तान के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं। दोनों शानदार व्यक्तित्व हैं और दोनों अपने लोगों से बहुत प्यार भी करते हैं लेकिन अभी दोनों के बीच दोस्ती नहीं है।

ट्रंप ने कहा, सच कहूं तो, यह एक बहुत ही विस्फोटक स्थिति है। मैंने कल प्रधानमंत्री खान से बात की, प्रधानमंत्री मोदी से भी इस मुद्दे पर बात की। वह दोनों ही मेरे दोस्त हैं और वह दोनों ही अपने-अपने देश से प्यार करते हैं। यह एक जटिल स्थिति है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कश्मीर की मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति के पीछे धर्म का भी अहम रोल है। उन्होंने कहा कि वहां पर धर्म एक जटिल मसला है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उपमहाद्वीप में इस मसले पर सैकड़ों सालों से चर्चा चल रही है। ट्रंप ने आगे कहा कि कश्मीर बहुत ही जटिल स्थान है। वहां पर हिंदू हैं और मुसलमान भी हैं। मैं यह नहीं कहूंगा कि दोनों का साथ बहुत अच्छा रहा है, लेकिन मौजूदा स्थिति ही वास्तविकता है। यह दोनों देश तय करेंगे। उन्होंने कहा कि लंबे समय से दोनों देश साथ नहीं आए हैं।

बता दे, जम्मू और कश्मीर पर भारत सरकार के फैसले से पाकिस्तान घबराया हुआ है। इस मुद्दे को पाकिस्तान कई देशों के सामने उठा भी चुका है, लेकिन सभी देशों ने इसे भारत का आंतरिक मामला बताया है। इस मामले में हस्तक्षेप करने से अमेरिका ने भी इनकार किया था। अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक ने साफ कर दिया है कि कश्‍मीर भारत का आंतरिक मामला है और ट्रंप प्रशासन का इसमें मध्‍यस्थता का कोई इरादा नहीं है।