सियाचिन : 19 हजार फीट की ऊंचाई पर हिमस्खलन, 4 जवानों समेत 6 की मौत

दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में उत्तरी ग्लेशियर के पास सोमवार को हुए हिमस्खलन में सेना के 4 जवानों समेत 2 नागरिक मारे गए। सेना के अधिकारियों ने बताया कि दोपहर 3:30 बजे 19000 फीट की ऊंचाई पर हुए हिमस्खलन ने सेना की कुछ चौकियों को तबाह कर दिया। जिस दौरान हिमस्खलन हुआ, उस दौरान 8 जवानों की पेट्रोलिंग टीम गश्त पर थी। इन 8 लोगों में से 7 बुरी तरह से घायल थे, जिन्हें हेलिकॉप्टर द्वारा तुरंत ही मेडिकल दल के साथ पास के हॉस्पिटल में भेजा गया। लेकिन 6 लोगों की मौत हो गई। इन 6 लोगों में से 4 सैनिक और 2 कुली थे। हाइपोथर्मिया से जवानों और दो कुलियों ने दम तोड़ दिया। हाइपोथर्मिया (अल्पताप) शरीर की वह स्थिति होती है जिसमें तापमान, सामान्य से कम हो जाता है।

2016 में हुए हिमस्खलन ने 10 जवानों की जान ली थी

बता दे, सियाचिन ग्लेशियर में इन दिनों माइनस 30 डिग्री तापमान है। यह दुनिया का सबसे ऊंचा रणक्षेत्र है। यहां दुश्मन की बजाय मौसम आधारित परिस्थितियों से सैनिकों की जान ज्यादा जाती है। फरवरी 2016 में हुए हिमस्खलन में 10 जवानों की मौत हो गई थी। इन्हीं जवानों में लांस नायक हनुमंथप्पा भी थे। इन जवानों की काफी खोजबीन के बाद केवल हनुमंथप्पा को ही ढूंढ़ा जा सका था। हनुमंथप्पा को सियाचिन में हुए भूस्खलन के बाद 25 फिट गहरी बर्फ के नीचे निकाला गया था। उनकी हालत उस समय बहुत खराब थी। जहां से उन्हें आनन-फानन में दिल्ली के आरआऱ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन वह उसके बाद गहरे कोमा में चले गए और उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। हनुमंथप्पा को बचाने की डॉक्टरों की लाख कोशिशों और देश भर की दुआओं के भी हनुमंथप्पा बच नहीं सके थे।