सरकार से मिली मंजूरी, अब भारत में अमेरिका से मंगाई गई इस दवा से होगा कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज

दुनिया में कोरोना के अब तक 63 लाख 39 हजार 400 मरीज हो चुके हैं। 3 लाख 76 हजार 182 की मौत हो चुकी है। संक्रमण और मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है लेकिन अभी तक इस खतरनाक वायरस को खत्म करने की न तो कोई वैक्सीन है और न ही कोई दवा। हालांकि कुछ दवाओं का थोड़ा बहुत असर जरूर हो रहा है। इन्हीं में से एक है रेमडेसिविर (Remdesivir)। इस मेडिसिन को तैयार किया है अमेरिकी कंपनी गिलियड साइंसेज (Gilead Sciences) ने। एंटी वायरल ड्रग रेमडेसिविर (Remdesivir) पर इन दिनों पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हैं। फिलहाल अलग-अलग फेज में इसका ट्रायल चल रहा है। फेज थ्री के नतीजों के मुताबिक इस दवा के इस्तेमाल से 65% मरीजों में 11 वें दिन हालत बेहतर दिखे। पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार डॉक्टर फॉसी ने व्हाइट हाउस में इस दवा की कामयाबी के बारे मे ऐलान किया था। फॉसी ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि रेमडेसिवीर दवा का बहुत स्पष्ट, प्रभावी और सकारात्मक असर पड़ रहा है। डॉक्टर फॉसी ने बताया कि रेमडेसिवीर का अमेरिका, यूरोप और एशिया के 68 स्थानों पर 1063 लोगों पर ट्रायल किया गया जिससे ये पता चला कि रेमडेसिविर दवा कोरोना वायरस को रोक सकती है।

भारत में सिर्फ गंभीर मरीजों पर होगा इस्तेमाल

अब इस दवा का भारत में इस्तेमाल करने की इजाजत मिल गई है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक भारत की दवा नियामक निकाय सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDCSCO) ने रेमडेसिविर के इस्तेमाल को लेकर इजाजत दे दी है। इस दवा को कोरोना के ऐसे मरीजों को दिया जाएगा, जो हॉस्पिटल में भर्ती हैं। इसमें वयस्क और बच्चे दोनों शामिल हैं। अमेरिका से इस दवा को मुंबई की एक कंपनी क्लिनेरा ग्लोबल सर्विसेज द्वारा आयात किया जाएगा। फिलहाल कोरोना के मरीजों पर इस दवा का इस्तेमाल सिर्फ 5 दिनों के लिए किया जाएगा।

जापान में भी हो रहा है इस्तेमाल

जापान ने कोरोना वायरस के संक्रमण के इलाज के लिए रेमडेसिवीर दवा के इस्तेमाल को पिछले महीने मंजूरी मिल गई थी। जापान ने तीन दिन के भीतर ही इसपर फैसला ले लिया था।