सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने गुरुवार को टिहरी गढ़वाल जिले के चंबा में एक सार्वजनिक रैली के दौरान कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उम्मीदें थीं, लेकिन उनके साढ़े तीन साल के कार्यकाल के दौरान उन्हें निराशा हुई है। अन्ना हजारे ने देश में किसानों की दयनीय दशा के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराया।
उन्होंने कहा, "जब मोदी प्रधानमंत्री बने थे तो मुझे बहुत सी उम्मीदें थीं। मैंने सोचा था कि अच्छे दिन आने वाले हैं, लेकिन अब मैं निराश हूं।"
उन्होंने कहा कि इस वजह से मैं जल्द ही केंद्र सरकार के खिलाफ एक आंदोलन शुरू करूंगा और इसके लिए उत्तराखंड का समर्थन मांगता हूं। अन्ना हजारे ने कहा कि अब तक वह चुप रहे क्योंकि वह चाहते थे कि केंद्र सरकार को लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए समय मिले। लेकिन, उन्हें अब पछतावा हो रहा है।
उन्होंने कहा मोदी सरकार के कार्यकाल का करीब तीन चौथाई बीत गया है और अब वह आंदोलन शुरू करने को बाध्य हैं। उन्होंने सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों की तर्ज पर किसानों के लिए 5,000 रुपये पेंशन की मांग की।
अन्ना हजारे ने वीसी गब्बर सिंह नेगी चौक पर आयोजित रैली में कहा कि इन सभी मुद्दों के लिए मैं 23 मार्च से दिल्ली के रामलीला मैदान में आंदोलन शुरू करूंगा।