काउंटडाउन शुरू, इसरो आज लांच करेगा GSAT-7A उपग्रह, भारतीय वायुसेना को मिलेगी मजबूती

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को अपने भूस्थैतिक संचार उपग्रह जीसैट-7ए (GSAT-7A) को लांच करने का काउंटडाउन शुरू कर दिया है। श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से मंगलवार दोपहर 2 बजकर 10 मिनट पर इसकी उल्टी गिनती शुरू हो गई। आज शाम चार बजकर 10 मिनट पर श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट के दूसरे लांच पैड से इसे प्रक्षेपित किया जाएगा। जीसैट-7ए उपग्रह 2,250 किलोग्राम वजनी है। यह भारतीय क्षेत्र में कू बैंड में वायुसेना को संचार क्षमता प्रदान करेगा और यह मिशन आठ साल का होगा।

इसरो ने मंगलवार को कहा कि मिशन रेडिनेस रिव्यू कमेटी और लांच ऑथराइजेशन बोर्ड ने काउंटडाउन शुरू कर दिया है। जीसैट-7 ए भारतीय वायुसेना (आईएएफ) को समर्पित है जो वायु शक्ति को अधिक मजबूती देगा और वायुसेवा को अतिरिक्त सामरिक संचार क्षमताएं प्रदान करेगा। इसरो ने कहा, ‘‘श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर में जीएसएलवी-एफ 11 के जरिये संचार उपग्रह जीसैट-7ए को प्रक्षेपित करने के लिए 26 घंटे की उल्टी गिनती मंगलवार दोपहर दो बजकर 10 मिनट (भारतीय समयानुसार) पर शुरू हुई। इसके प्रक्षेपण का समय बुधवार शाम चार बजकर 10 मिनट निर्धारित है।’’

जीएसएलवी-एफ11 की यह 13वीं उड़ान होगी और सातवीं बार यह स्वदेशी क्रायोनिक इंजन के साथ लांच होगा। यह कू-बैंड में संचार की सुविधा उपलब्ध करवाएगा। इसरो का यह 39वां संचार उपग्रह होगा और इसे खासकर भारतीय वायुसेना को बेहतर संचार सेवा देने के उद्देश्य से लांच किया जा रहा है। जीएसएलवी एफ-11 जीसैट-7ए को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर आर्बिट (जीटीओ) में छोड़ेगा और उसे आनबोर्ड प्रणोदन प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए अंतिम भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित किया जाएगा। जीएसएलवी-एफ11 इसरो की चौथी पीढ़ी का प्रक्षेपण यान है।