आंध्र प्रदेश : चंद्रबाबू नायडू की हार, आज ही देंगे इस्तीफा, जगनमोहन रेड्डी इस दिन लेंगे CM पद की शपथ

लोकसभा चुनाव के नतीजों के साथ देश के चार राज्यों आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजों के रुझान सामने आ रहे हैं। खबर है कि आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में गुरुवार को तेलगू देशम पार्टी (TDP) की हार के बाद मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू इस्तीफा देंगे। रुझानों और नतीजों के बाद अब राज्य से सत्ताधारी टीडीपी की विदाई तय है। नतीजों को देखते हुए चंद्रबाबू नायडू आज ही अपने पद से इस्तीफा देंगे। वायएसआरसीपी नेता उमारेड्डी वेंकटेस्वरलू के मुताबिक पार्टी के वाय एस जगनमोहन रेड्डी 30 मई को आंध्र प्रदेश के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।

बता दें कि आंध्र प्रदेश विधान सभा चुनाव नतीजों के रुझानों में 175 विधानसभा सीटों पर वायएसआरसीपी 149 सीटों पर आगे चल रही है वहीं टीडीपी 25 सीटों पर से आगे चल रही है जबकि अभिनेता पवन कल्याण की पार्टी जन सेना सिर्फ एक विधानसभा सीट पर आगे चल रही है। इस बीच खबर आ रही है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू गुरुवार शाम तक इस्तीफा दे सकते हैं।

वहीं लोकसभा चुनाव नतीजों की बात की जाए तो आंध्र प्रदेश में सभी 25 लोकसभा सीटों पर सूपड़ा साफ करने की ओर बढ़ रही है वाईएसआरसी पार्टी। आंध्र प्रदेश में लोकसभा की सभी 25 सीटों पर वाईएसआर कांग्रेस सूपड़ा साफ करने की ओर बढ़ रही है। निर्वाचन आयोग के ताजा आंकड़े के अनुसार, वाई एस जगनमोहन रेड्डी के नेतृत्व में वाईएसआरसी सभी सीटों पर आगे चल रही है। टीडीपी, भाजपा और कांग्रेस तस्वीर से गायब हैं। राज्य में 2014 के विपरीत सभी दलों ने अपने दम पर चुनाव लड़ा है। पिछली बार तेदेपा और भाजपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था।

बता दे, रुझानों में एनडीए एक बार फिर ऐतिहासिक बहुमत की ओर बढ़ रही है। भाजपा को पिछली बार 282 सीटें मिली थीं। इस बार भी वह 280 से आगे दिख रही है। इस बार एग्जिट पोल्स के अनुमान सही रहे। 10 में से 9 एग्जिट पोल्स में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिलने के अनुमान जाहिर किए गए थे। बता दे, जवाहरलाल नेहरू ने लगातार तीन बार और इंदिरा गांधी ने लगातार दो बार कांग्रेस को पूर्ण बहुमत दिलाकर सरकार बनाई थी। नेहरू ने 1952, 1957 और 1962 का चुनाव जीत था। वहीं, इंदिरा गांधी ने 1967 और 1971 का चुनाव पूर्ण बहुमत के साथ जीता था। मोदी ने अब इंदिरा की बराबरी कर ली है। 2014 में उनके नेतृत्व में भाजपा ने 282 सीटें जीती थीं। इस बार भी वह 280 से ज्यादा सीटें जीत रही है।