अमित शाह का 'ड्रग-मुक्त भारत' संकल्प, 'जब तक हम पूरे नेटवर्क पर हमला नहीं करेंगे...'

रायपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को ड्रग्स को वैश्विक खतरा बताते हुए ड्रग्स मुक्त भारत का आह्वान किया। मंत्री ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के क्षेत्रीय इकाई कार्यालय का वर्चुअली उद्घाटन किया। उन्होंने राज्य में नारकोटिक्स परिदृश्य पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता भी की।

शाह ने कहा, अगर हम भारत में ड्रग्स के खिलाफ़ लड़ाई को तीव्रता, गंभीरता और व्यापक रणनीति के साथ लड़ें, तो हम इस लड़ाई को जीत सकते हैं। भारत में नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित करती है। अवैध ड्रग व्यापार से अर्जित धन आतंकवाद और वामपंथी उग्रवाद को बढ़ावा देता है और देश की अर्थव्यवस्था को कमज़ोर करता है।

बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, एनसीबी के महानिदेशक और अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।

मंत्री ने कहा कि नशा न केवल देश की युवा पीढ़ी को बर्बाद करता है, बल्कि देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को भी कमजोर करता है। उन्होंने कहा, सभी को नशीले पदार्थों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर मिलकर आगे बढ़ना चाहिए और पीएम मोदी के नशा मुक्त भारत के संकल्प को पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों के सहयोग से हर राज्य में एनसीबी कार्यालय स्थापित करके नशीली दवाओं के व्यापार को खत्म करेगी।

नशीले पदार्थों की तस्करी के मामलों की जांच में वैज्ञानिक तरीकों के इस्तेमाल पर जोर देते हुए शाह ने ‘ऊपर से नीचे तक’ दृष्टिकोण अपनाने और पूरे नशीले पदार्थों के नेटवर्क को बेरहमी से खत्म करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “जब तक हम पूरे नेटवर्क पर हमला नहीं करेंगे, हम नशा मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएंगे।”

शाह ने चार सिद्धांतों को रेखांकित किया - नशीले पदार्थों का पता लगाना, नेटवर्क को नष्ट करना, अपराधी को हिरासत में लेना और नशेड़ी का पुनर्वास करना। गृह मंत्री ने कहा कि 2004 से 2014 के बीच कुल 1250 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2014 से 2024 तक के 10 वर्षों में 230% की वृद्धि के साथ 4150 मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 के बीच कुल 1,360 गिरफ्तारियां हुईं, जो अब बढ़कर 6,300 हो गई हैं।