महाकुंभ 2025: 'अनाज वाले बाबा' की अनूठी पहल, अपनी अनोखी शैली से पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश

महाकुंभ मेले में इन दिनों उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के निवासी अमरजीत, जिन्हें अनाज वाले बाबा के नाम से जाना जाता है, खासा चर्चा में हैं। अनाज वाले बाबा ने अपने सिर पर गेहूं, बाजरा, चना और मटर जैसी फसलें उगाकर मेले में सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है।

पिछले पांच वर्षों से बाबा इस अनोखे तरीके का उपयोग पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कर रहे हैं। हठ योग के साधक अनाज वाले बाबा का कहना है कि यह उनका पर्यावरण बचाने और शांति का संदेश देने का प्रयास है। खासतौर पर, बढ़ते वनों की कटाई और पर्यावरण को हो रहे नुकसान को देखते हुए, उन्होंने यह अनूठा तरीका अपनाया है।

बाबा ने कहा, पेड़ों की कटाई से हमारे पर्यावरण पर पड़ रहे प्रभाव को देखकर मैंने यह निर्णय लिया। मैं जहां भी जाता हूं, लोगों को अधिक से अधिक हरियाली लगाने के लिए प्रेरित करता हूं। बाबा नियमित रूप से अपने सिर पर उगाई गई फसलों को पानी देते हैं ताकि वे स्वस्थ बनी रहें। यह दृश्य मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को आश्चर्यचकित कर रहा है।

वर्तमान में अनाज वाले बाबा कल्पवास के लिए किला घाट के पास ठहरे हुए हैं और मेले में एक प्रमुख आकर्षण बने हुए हैं। उनके इस समर्पण को देखकर श्रद्धालु आश्चर्यचकित हैं और जानना चाहते हैं कि वे अपने सिर पर फसलें उगाने का प्रबंधन कैसे करते हैं। मेले के बाद, बाबा सोनभद्र लौटने की योजना बना रहे हैं, जहां वे हरियाली और शांति को बढ़ावा देने के अपने मिशन को जारी रखेंगे।

आपको बता दे, हर 12 वर्षों में आयोजित होने वाला महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक प्रयागराज में संपन्न होगा। इस आयोजन में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। महाकुंभ के दौरान श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर एकत्रित होकर पवित्र स्नान करेंगे, जिसे पापों के नाश और मोक्ष प्राप्ति का माध्यम माना जाता है।