कोटा। कोटा मंडल में वंदे भारत स्लीपर रैक का 31 दिसंबर से लगातार ट्रायल चल रहा है। भारतीय रेल में वंदे भारत स्लीपर रैक का पहला हाई स्पीड ट्रायल रन करने वाला कोटा मंडल बना है। कोटा-लबान के बीच 26 बार 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रायल किया गया है।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ जैन ने बताया- वंदेभारत स्लीपर रैक का भारतीय रेल में पहला हाई स्पीड ट्रायल कोटा मंडल में आरडीएसओ टीम की ओर से किया जा रहा है। वंदे भारत स्लीपर रैक का ट्रायल पूरे जनवरी महीने तक आरडीएसओ टीम कर रही है।
इस स्लीपर रैक के सफल ट्रायल होने से यात्रियों को देश के अलग-अलग रेलमार्गों पर लंबी दूरी के रेल यात्रियों को तेज, सुरक्षित और विश्वस्तरीय यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी। यह ट्रायल वंदे भारत स्लीपर रैक के विभिन्न तकनीकी मानकों के विश्लेषण के लिए किया जा रहा है, जिसमें कपलर फोर्स, एयर सस्पेंशन, ब्रेकिंग सिस्टम, घुमाव ट्रैक पर गति का परीक्षण शामिल है।
वंदे भारत स्लीपर रैक का 6 जनवरी को नागदा-कोटा-सवाई माधोपुर रेल खण्ड पर सूखे एवं गीले ट्रैक की अवस्था में कुल 26 बार 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गति परीक्षण किया गया। जिसमें विशेष रूप से आपातकालीन ब्रेकिंग दूरी और कपलर फोर्स से संबंधित आंकड़ों को विश्लेषण के लिए संरक्षित किया गया। वंदे भारत में स्लीपर कोच 16 कोच, 11 थर्ड एसी कोच, 4 सेकेंड एसी कोच और 1 प्रथम श्रेणी एसी कोच शामिल है। थर्ड एसी में 67 बर्थ, सेकेंड एसी में 48 बर्थ और प्रथम श्रेणी एसी कोच 44 बर्थ की मौजूद है।
कोटा भारतीय रेल में वंदे भारत स्लीपर रैक का पहला हाई स्पीड ट्रायल रन करने वाला मंडल बना है। इस वंदे भारत स्लीपर रैक का ट्रायल पूरे जनवरी महीने तक आरडीएसओ टीम की ओर से किया जाएगा।
यह ट्रायल आरडीएसओ के संयुक्त निर्देशक (परीक्षण) जनयु जिनेश के निर्देशन में किया गया है। जिसमें कोटा मंडल के यातायात निरीक्षक अरविन्द पाठक और लोको निरीक्षक आरएन मीना ने आरडीएसओ लखनऊ टीम के साथ को-आर्डिनेट किया है।