कमान पर तीर चढ़ाने से चूके अमित शाह, राजस्थान में कैसे खिलेगा कमल

डूंगरपुर/जयपुर। भाजपा की दूसरी परिवर्तन यात्रा का डूंगरपुर जिले में बेणेश्वर धाम से आगाज हुआ। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस सभा स्थल के मुख्य वक्ता थे और उन्होंने कांग्रेस व गांधी परिवार पर निशाना साधा, लेकिन इससे पहले उन्हें जब आदिवासी नेताओं द्वारा उन्हें तोहफे में मिले धनुष में तीर लगाने को कहा गया तो वे धनुष में तीर नहीं लगा पाए। राजस्थान के तमाम नेताओं की नजरें उन्हीं पर टिकी थीं, जैसे उनका सियासी भविष्य उन्हीं पर टिका हुआ है। यह नजारा देखकर उन्हें इस बात का जरूर अहसास हुआ होगा कि अभी तो धनुष में तीर ही नहीं लग पा रहा है तो राजस्थान में भाजपा निशाना कैसे लगेगा? अगर यही तीर और कमान वसुंधरा राजे के हाथ में होता तो शायद तीर कमान निशाने के लिए तैयार होता। बहरहाल भाजपा नेताओं की निगाहें अब मोदी और शाह पर ही है।


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने परिवर्तन यात्रा को हरी झंडी दिखाने से पहले सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब परिवर्तन यात्रा समाप्त होगी, तब तक गहलोत सरकार की रवानगी तय हो चुकी होगी।

शाह ने कांग्रेस पर तुष्टीकरण का आरोप लगाया। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि दंगा कराने वाली गहलोत सरकार को उखाड़ फेंकिए। गहलोत क्या करें, उनका नेतृत्व ही ऐसा है। कांग्रेस नेता सनातन धर्म को समाप्त करने की बात करते हैं। सनातन धर्म पर ये जितना बोलेंगे, उतना कम होते जाएंगे। 2014 और 2019 में कम हुए, 2024 में दूरबीन लेकर भी नहीं दिखाई देंगे।


शाह ने कहा कि यदि कोई लाल कपड़े पहनता है तो उन्हें लाल डायरी दिखती है। इस लाल डायरी में गहलोत के सैकड़ों करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार दर्ज है, ये डायरी हमने नहीं, उन्हीं के पूर्व मंत्री ने दी है। यदि आपमें हिम्मत है तो जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पांच साल में किए गए घोटालों का हिसाब दीजिए।