इफ्तार पर सियासत: अमित शाह की गिरिराज सिंह को नसीहत, कहा- विवादित बयानों से रहें दूर, ऐसी गलती फिर दोहराई गई तो होगी कड़ी कार्रवाई

इफ्तार पार्टी को लेकर NDA की सहयोगी दलों के नेताओं पर निशाना साधना केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को भारी पड़ गया है। गृहमंत्री अमित शाह ने गिरिराज सिंह को उनके बयान के लिए फटकार लगाई है। अमित शाह ने गिरिराज सिंह को नसीहत देते हुए बेवजह की बयानबाजी से दूर रहने के लिए कहा है। मित शाह ने NDA के सहयोगी दलों पर बयान पर नाराजगी जताई और साफ शब्दों में कहा कि अगर इस तरह की गलती फिर दोहराई गई तो कड़ी कार्रवाई होगी।

क्या कहा था गिरिराज सिंह ने

गिरिराज सिंह ने बिहार में सत्तारूढ़ दलों (बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी) के नेताओं की चार तस्वीरों को ट्वीट करते हुए पूछा कि अपने कर्म धर्म में हम पिछड़ क्यों जाते हैं और दिखावा में आगे रहते हैं? गिरिराज सिंह ने कहा, ''कितनी खूबसूरत तस्वीर होती जब इतनी ही चाहत से नवरात्रि पे फलाहार का आयोजन करते और सुंदर सुदंर फ़ोटो आते??...अपने कर्म धर्म मे हम पिछड़ क्यों जाते और दिखावा में आगे रहते है???''

गिरिराज सिंह ने जो तस्वीर साझा की है उसमें एनडीए के घटक दलों के नेताओं के अलावा महागठबंधन में शामिल हम के अध्यक्ष जीतन राम मांझी नजर आ रहे हैं। पहली तस्वीर में रामविलास पासवान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मिल रहे हैं और बगल में बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी खड़े हैं। यह तस्वीर एलजेपी की तरफ से आयोजित इफ्तार की है। दूसरी तस्वीर में नीतीश कुमार, जीतन राम मांझी, रामविलास पासवान नजर आ रहे हैं। यह तस्वीर जेडीयू के इफ्तार की है।

वहीं तीसरी तस्वीर में नीतीश और मांझी नजर आ रहे हैं। ये तस्वीर हम के इफ्तार की है। बिहार में विपक्षी पार्टी आरजेडी ने भी इफ्तार का आयोजन किया है लेकिन गिरिराज सिंह ने इसकी तस्वीर साझा नहीं की है।

गिरिराज के इस ट्वीट के बाद बिहार में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की नेता एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि नीतीश के लिए महागठबंधन का दरवाजा खुला है। यदि वह महागठबंधन में आते हैं तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी। दरअसल, ऐसी चर्चा है कि मोदी कैबिनेट में जद-यू के शामिल न होने से दोनों पार्टियों के बीच दूरियां बढ़ी हैं। दरहसल, 30 मई को मोदी कैबिनेट का शपथ ग्रहण हुआ। जद-यू के कोटे से एक मंत्री को शपथ लेनी थी। शपथ ग्रहण समारोह में नीतीश कुमार तो शामिल हुए लेकिन उनकी पार्टी की तरफ से कोई भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुआ। इसे कैबिनेट में एक सीट देने पर जद-यू की नाराजगी से जोड़कर देखा गया। अपनी पार्टी के लिए एक सीट के आवंटन पर नीतीश कुमार ने भी असंतोष प्रकट किया।

नीतीश कुमार और केसी त्यागी ने भी किया पलटवार

इस बयान को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी गिरिराज सिंह पर निशाना साधा। नीतीश कुमार ने कहा, ''कुछ लोगों का काम ही है कुछ भी बोल देना। मैं अपने बनाए कार्यक्रम में जाऊंगा।'' वहीं, जेडीयू नेता केसी त्यागी ने गिरिराज सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि गिरिराज प्रधानमंत्री की वो बात भूल गए जो प्रधानमंत्री ने संसद भवन में कही थी कि सभी धर्मों को साथ लेकर चलना है। केसी त्यागी ने कहा कि हम कल भी ईद के मौके पर मुस्लिमों को गले लगाएंगे और उससे भी गिरिराज को जलन जरूर होगी।

केसी त्यागी ने कहा, '' मैं गिरिराज सिंह को पीएम का एक चित्र भेज रहा हूं, जिसमें प्रधानमंत्री जी दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद जो आबूधावी में स्थित है, वहां के शेख जायद और इमाम के साथ बड़ी मोहब्ब्त के साथ पूरी मस्जिद का निरिक्षण कर रहे हैं। जो उनके विश्वास जीतने की परंपरा का हिस्सा है। अब चुनाव का वक्त नहीं है, हां सुर्खियां बटोरने का वक्त जरूर है। इसलिए हमारे मित्र गिरिराज सिंह को नसीहत है कि वह तंगदिली छोड़े।''

केसी त्यागी ने आगे कहा, '' हम फिराक दिल हिन्दू हैं और गिरिराज सिंह तंगदिल हिन्दू हैं। हम फलाहार का त्योहार भी मनाएंगे और उसमें मुस्लिम, ईसाई और सिख भी होंगे। तंगदिली से देश नहीं चलता और बिहार में रामविलास जी, नीतीश जी और श्री सुशील मोदी जितनी मोहब्बत से मिलेंगे और खुशियां मनाएंगे NDA उतना ही मजबूत होगा। हम देशभर के हिन्दू, मुसलमान, सिख और ईसाई सभी को ईद की शुभकामनाएं देते हैं। कल फिर जब हम गले मिलेंगे तो श्री गिरिराज सिंह को पुण: तकलीफ होगी, ऐसी मेरी आशा है।''

चिराग पासवान ने भी गिरिराज सिह के बयान को निंदनीय बताया कहा - इस तरह के प्रश्न भारत की परम्परा पर उंगलिया उठाते है

लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और जमुई लोकसभा क्षेत्र से सांसद चिराग पासवान ने भी गिरिराज सिह के बयान को निंदनीय बताया और कहा कि इस तरह के प्रश्न भारत की परम्परा पर उंगली उठाते है। चिराग पासवान ने ट्विटर पर लिखा, '' लोक जनशक्ति पार्टी के स्थपाना से ही सबका साथ,सबका विकास,सबका विश्वास का मूल मंत्र पार्टी के आत्मा से जुड़ा हुआ है। मुझे खुशी है की इस मूल मंत्र को आदरणीय नरेंद्र मोदी जी ने भी दोहराया है। त्योहार मनाने से समाज में समरस्ता आती है। इस तरह के प्रश्न भारत की परम्परा पर उंगलिया उठाते है।''