कोलकाता बलात्कार-हत्याकांड के बीच महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर PM मोदी ने कहा, तेजी से फैसले की जरूरत

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश को महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में तेजी से फैसले की जरूरत है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और बच्चों की सुरक्षा समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है। प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना पर बढ़ते आक्रोश के बीच आई है।

पीएम मोदी ने कहा, देश में महिला सुरक्षा के मुद्दे पर कई कानून हैं। 2019 में फास्ट ट्रैक कोर्ट कानून पारित किया गया, जिसके तहत गवाह बयान केंद्र बनाए गए। जिला निगरानी समितियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन समितियों को और मजबूत किया जाए और महिला सुरक्षा से जुड़े मामलों में तेजी से फैसले सुनाए जाएं।

दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के 75 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, आज महिलाओं पर अत्याचार, बच्चों की सुरक्षा... समाज की गंभीर चिंताएं हैं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए देश में कई सख्त कानून बनाए गए हैं, लेकिन हमें इसे और अधिक सक्रिय बनाने की जरूरत है।

उन्होंने जोर देकर कहा, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार से संबंधित मामलों में जितनी तेजी से निर्णय लिए जाएंगे, आधी आबादी को सुरक्षा का उतना ही अधिक आश्वासन मिलेगा। प्रधानमंत्री ने ये टिप्पणियां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा उन्हें लिखे गए पत्र के एक दिन बाद कीं, जिसमें उन्होंने बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों के लिए सख्त केंद्रीय कानून और अनुकरणीय दंड के लिए अपना अनुरोध दोहराया। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने यह भी कहा कि उन्होंने पहले भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था, लेकिन इस संवेदनशील मुद्दे पर उनसे कोई जवाब नहीं मिला।

केंद्र सरकार ने बनर्जी के पत्र का जवाब देते हुए यह भी कहा कि मौजूदा कानून ऐसे अपराधों से निपटने के लिए काफी मजबूत हैं और राज्य सरकार से आग्रह किया कि वह इन पर अक्षरशः कार्रवाई करे।

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा, यदि राज्य सरकार केंद्रीय कानून का अक्षरशः पालन करती है, तो इससे निश्चित रूप से आपराधिक न्याय प्रणाली को मजबूत बनाने, ऐसे अपराधों के दोषियों को अपराध के अनुरूप सजा दिलाने तथा पीड़ितों या उत्तरजीवियों को न्याय सुनिश्चित करने में स्थायी प्रभाव पड़ेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के कार्यक्रम में इस बात पर भी जोर दिया कि न्याय मिलने में होने वाली देरी को खत्म करने और न्यायिक बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए पिछले 10 वर्षों में कई कदम उठाए गए हैं।