रिसर्च में हुआ खुलासा, पेट्रोल पंपों पर अधिक समय तक मौजूद रहता कोरोना वायरस

कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार दुनिया में बढ़ता जा रह है। अब तक इस वायरस से 55 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके है वहीं, 3 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस की वैक्सीन पर काम चल रहा है ऐसे में इससे बचने के लिए फ़िलहाल लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्ण रूप से पालन ही एक मात्र इलाज दिख रहा है। अगर हम लॉकडाउन का पालन करते है तो इस वायरस को फैलने से रोका जा सकता है, ऐसे में कुछ चीजों को जरुरी सेवाओं में डाल कर उनको लॉकडाउन के दौरान खोला जा रहा है। अब इन खुली रहने वाली चीजों से भी वायरस का संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ सकता है। इसी के साथ इन जगहों पर वायरस के अधिक देर तक ठहरने की बात सामने आ रही है जिसमें सबसे अधिक खतरा पेट्रोल पंपों से बताया जा रहा है। बीबीसी में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के वायरोलॉजिस्ट डॉ जॉय ग्रोव के हवाले से ऐसी एक खबर छापी गई है।

खबर के अनुसार यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के वायरोलॉजिस्ट डॉ जॉय ग्रोव का कहना है कि किसी प्लास्टिक या अन्य धातु से बनी चीज पर वायरस कई दिनों का जीवित रह सकता है। ऐसे में पेट्रोल पंपों को जरुरत की चीजों में डालकर खोला जा रहा है ऐसे में यहां वायरस से संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा है।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी कोरोना संक्रमण के शिकार हुए थे, उसके बाद वो कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे थे फिर ठीक होकर वापस लौटे थे। बोरिस के अपने सहायक डॉमिनिक कमिंग्स से संक्रमित होने की बात कही गई थी। बताया जाता है कि डॉमिनिक कमिंग्स लॉकडाउन के दौरान लंदन से दरहम की यात्रा की थी। इस यात्रा के दौरान वे किसी सर्विस स्टेशन पर रुके थे वहीं से संक्रमित हुए होंगे। हालांकि, डॉमिनिक ने आरोपों को खारिज किया था।

डॉ ग्रोव ने कहा कि वो डॉमिनिक के मामले में कुछ भी नहीं कह सकते, क्योंकि संक्रमण का स्तर व्यक्ति दर व्यक्ति अलग होता है, लेकिन सर्विस स्टेशन जैसी जगहों पर वायरस कुछ समय तक रह सकता है जो कि चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति के हाथों में वायरस है तो ऐसी जगहों पर वायरस के रह जाने का खतरा काफी है। यानि अगर कोई व्यक्ति किसी धातु या प्लास्टिक से बनी चीज को छूता है तो वायरस उसके हाथों से उस चीज पर जा सकता है और वहां कई दिनों तक जिंदा रह सकता है। इससे दूसरों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है।

डॉ ग्रोव का कहना है कि इस महामारी के दौरान लोगों को सतर्कता बरतने की सख्त जरूरत है। सरकार लॉकडाउन को सफल बनाने की कोशिशें करे और बेहतर उदाहरण पेश करे।