श्रीनगर। इस साल अमरनाथ यात्रा इसी सप्ताह से शुरू होने वाली है। देशभर के तीर्थयात्रियों के लिए अमरनाथ मंदिर में बाबा के दर्शन 29 जून से शुरू हो जाएंगे। ऐसे में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पहुंचने की संभावना है। इसकी प्रथम पूजा शनिवार को पूरी हुई। इसमें ऑनलाइन माध्यम से जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी शामिल हुए थे।
एक सप्ताह में शुरू होने जा रही अमरनाथ यात्रा को लेकर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को कहा कि तीर्थयात्रा को सफल बनाने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के साथ ही सुविधाओं में भी सुधार किया गया है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि जम्मू के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आनंद जैन ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर समीक्षा की और तीर्थयात्रा को बाधित करने के आतंकवादियों के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए उच्च स्तर की सतर्कता की जरूरत पर जोर दिया।
उप राज्यपाल मनोज सिन्हा शनिवार को श्रीनगर के राजभवन से ही अमर नाथ यात्रा की ‘प्रथम पूजा’ में ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए। उन्होंने कहा कि देशभर के तीर्थयात्रियों के लिए दर्शन 29 जून से शुरू होंगे। शाइन बोर्ड (श्री अमरनाथ) और जम्मू कश्मीर प्रशासन ने तीर्थयात्रियों के लिए विशेष व्यवस्था की है। पिछले दो वर्षों में यात्रियों के लिए सुविधाओं में काफी सुधार हुआ है।
मनोज सिन्हा ने कहा कि इस वर्ष सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने पवित्र गुफा तक जाने वाली सड़कों को बेहतर बनाया है और कुछ हिस्सों को चौड़ा किया है। पूजा के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि मेरा मानना है इस बार तीर्थयात्रियों की यात्रा ज्यादा सुगम होगी। उप राज्यपाल ने कहा कि सभी धर्म के लोग यात्रा का समर्थन करते हैं।
बता दें कि दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर ऊंचे पवित्र गुफा मंदिर के लिए 52 दिवसीय तीर्थयात्रा 29 जून को शुरू होगी और 19 अगस्त को समाप्त हो जाएगी। पिछले वर्ष 4.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने यात्रा की थी। इस साल भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आएंगे।
पूजा के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि मेरा मानना है इस बार तीर्थयात्रियों की यात्रा ज्यादा सुगम होगी। उप राज्यपाल ने कहा कि सभी धर्म के लोग यात्रा का समर्थन करते हैं। दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर
ऊंचे पवित्र गुफा मंदिर के लिए 52 दिवसीय तीर्थयात्रा 29 जून को शुरू होगी और 19 अगस्त को समाप्त हो जाएगी। पिछले वर्ष 4.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने यात्रा की थी।