जामा मस्जिद में हुई अलविदा जुमे की नमाज, वक्फ संशोधन बिल को लेकर विरोध रूप बांधी काली पट्‌टी

जयपुर। जयपुर सहित प्रदेश भर में आज रमजान के आखिरी जुमे की नमाज शुक्रवार को अदा की गई। इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से वक्फ अमेंडमेंट एक्ट में किए जा रहे संशोधन का शांतिपूर्ण विरोध देखने को मिला। अलविदा जुमे के दौरान नमाज पढ़ने के लिए पहुंचे नमाजियों ने अपने हाथों पर काली पट्टी बांध रखी थी और अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण विरोध जताया। इस दौरान कांग्रेस विधायक रफीक खान, अमीन कागजी, वक्फ बोर्ड चेयरमैन खानु खान बुधवाली भी नमाज पढ़ने के लिए अपनी बाजू में काले रंग की पट्टी बांधकर पहुंचे।

जामा मस्जिद में मीडिया से बातचीत के दौरान विधायक अमीन कागजी ने कहा कि केंद्र सरकार मनमर्जी कर इस तरह का संशोधन वक्फ बिल में कर रही है, जो हमें किसी भी हालत में मंजूर नहीं है। वक्फ बोर्ड चेयरमैन खानू खान बुधवाली ने कहा कि सबका अपना-अपना अलग बोर्ड बना हुआ है, लेकिन फिर भी बस वक्फ बोर्ड में इन लोगों को संशोधन करके एक तरह से टारगेट करना है।

जामा मस्जिद में हुई अलविदा जुमे की नमाज

जयपुर के जौहरी बाजार इलाके में जामा मस्जिद में दोपहर को 2:00 बजे मुफ्ती अमजद ने नमाज अदा करवाई। नमाज पढ़ने के लिए हजारों की संख्या में नमाजी जौहरी बाजार पहुंचे। नमाज के दौरान हजारों सिर खुदा की बारगाह में एक साथ झुके और नमाज के बाद देश में अमन, भाईचारे और शांति की दुआ करवाई गई। इस दौरान नमाजियों को किसी तरह से कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इसलिए जामा मस्जिद कमेटी की तरफ से विशेष व्यवस्था भी की गई थी। कानून व्यवस्था को लेकर बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता जामा मस्जिद सहित अन्य इलाकों में तैनात किया गया। जामा मस्जिद कमेटी के सदस्य जावेद खान ने बताया कि आज अलविदा जुमे के मौके पर प्रशासन की तरफ से हम लोगों को पूरा सहयोग मिला। हम इसके लिए राजस्थान सरकार और पुलिस प्रशासन का तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं।

इससे पूर्व कल रात को मुस्लिम समुदाय द्वारा पवित्र रमजान माह की सबसे पाक, अफजल, रहमत, बरकत और फजीलत वाली रात कही जाने वाली शब-ए-कद्र मनाई गई। मान्यता है कि इस रात को पाक कुरान शरीफ नाजिल हुआ था। इसी रात कुरान मजीद की पहली आयत पैगम्बर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम पर नाजिल हुई थी। इस अवसर पर शहर की अनेक मस्जिदों को आकर्षक लाइटिंग और फूलों से सजाया गया। रात्रि में तराबीह की नमाज के बाद मस्जिदों के इमामों का माला व साफा पहनाकर स्वागत किया गया।