सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा Alok Verma के घर के पास गुरुवार को चार संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन चारों को आलोक वर्मा के पीएसओ ने पकड़ा है और घर के अंदर ले गए हैं। साथ ही पुलिस को भी बुलाया गया है। संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। सूत्रों के अनुसार ये काफी देर से सीबीआई निदेशक के घर के बाहर खड़े थे अौर घर में आने-जाने वालों और अन्य गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। हालांकि अभी तक इनके बारे में कुछ भी पता नहीं लग पाया है। बता दें कि सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा को केंद्र सरकार ने बुधवार को छुट्टी पर भेज दिया। हालांकि, इस फैसले के खिलाफ आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और इस पर सुनवाई करने को सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है।
अपुष्ट रिपोर्ट के मुताबिक, जिन संदिग्ध लोगों को आलोक वर्मा के घर के पास पकड़ा गया है, वे इंटेलीजेंस ब्यूरो के बताए जा रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि ये लोग आलोक वर्मा पर नजर बनाए हुए थे। सीबीआई में छिड़ी जंग में मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। सीबीआई के 55 सालों के इतिहास में एक अभूतपूर्व घटनाक्रम के तहत सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना से रातोंरात उनकी जिम्मेदारियां पूरी तरह से वापस ले ली गईं। आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के बीच मचे घमासान के और तेज होने से जांच एजेंसी में गंभीर होते हालात के बीच यह कदम उठाया गया। केंद्र सरकार ने स्थिति को संभालने की कोशिश के तहत 1986 के ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी और सीबीआई में संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को ‘अंतरिम उपाय' के तहत ‘‘तत्काल प्रभाव'' से निदेशक के ‘‘दायित्वों और कामकाज'' को देखने के लिये नियुक्त किया। क्या है मामला?
गौरतलब है कि CBI ने राकेश अस्थाना (स्पेशल डायरेक्टर) और कई अन्य के खिलाफ कथित रूप से मीट कारोबारी मोइन कुरैशी की जांच से जुड़े सतीश साना नाम के व्यक्ति के मामले को रफा-दफा करने के लिए घूस लेने के आरोप में FIR दर्ज की थी। इसके एकदिन बाद डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया। इस गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को सीबीआई ने अस्थाना पर उगाही और फर्जीवाड़े का मामला भी दर्ज किया।
सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच छिड़ी इस जंग के बीच, केंद्र ने सतर्कता आयोग की सिफारिश पर दोनों अधिकारियों को छु्ट्टी पर भेज दिया। और जॉइंट डायरेक्टर नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बना दिया गया। चार्ज लेने के साथ ही नागेश्वर राव ने मामले से जुड़े 13 अन्य अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया।