लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) से पहले प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की सक्रिय राजनीति में आने के औपचारिक ऐलान के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा जारी है। कुछ लोग स्वागत कर रहे हैं तो कोई इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। बीजेपी जहां इसे राहुल गांधी की 'राजनीतिक विफलता' के तौर पर पेश कर रही है, वहीं कांग्रेस के नेताओं में इसे लेकर जबरदस्त उत्साह है। प्रेक्षक इसे 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के मास्टरस्ट्रोक के तौर पर देख रहे हैं। इसे यूपी में सपा-बसपा गठबंधन को जवाब के तौर पर भी देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) को कांग्रेस का महासचिव बनाए जाने और सक्रिय राजनीति में कदम रखने के फैसले पर समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की पहली प्रतिक्रिया आई है। प्रियंका गांधी की एंट्री को अखिलेश यादव ने कांग्रेस और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी का सही फैसला बताया है। उन्होंने कहा, 'युवाओं को मौका मिल रहा है, समाजवादी पार्टी खुश है। मैं कांग्रेस और उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष को बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने एक अच्छा फैसला लिया।' अखिलेश ने हालांकि प्रियंका की राजनीति में औपचारिक एंट्री का स्वागत किया, पर चुनाव बाद कांग्रेस के साथ गठबंधन के सवाल को टाल गए। यहां उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने प्रियंका को पार्टी महासचिव बनाया है और उन्हें पूर्वी यूपी का प्रभार सौंपा है।
वही दूसरी तरफ शुक्रवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रियंका गांधी की राजनीति में प्रवेश पर तंज कसा और कहा 'जीरो प्लस जीरो बराबर जीरो' होता है यानी अगर शून्य में शून्य को जोड़ा जाए तो शून्य ही होता है। सीएम योगी ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि प्रियंका जी राजनीति में उतरी हों। इससे पहले भी वह 2014 और 2017 में पार्टी के लिए यूपी में काम कर चुकी हैं। लेकिन उसका कांग्रेस को कितना फायदा हुआ था यह सभी को पता है। इस बार भी परिणाम पहले जैसा ही रहने वाला है। उन्होंने कहा कि प्रियंका जी के राजनीति में आने से बीजेपी पर किसी तरह का असर नहीं पड़ने वाला है।
दरअसल, प्रियंका गांधी को कांग्रेस ने ऐसे वक्त में राजनीति में उतारा है, जब यूपी में वह पूरी तरह से अकेली है। बसपा-सपा गठबंधन से कांग्रेस को अलग किये जाने के बाद राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी को पूर्वी यूपी और ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी यूपी का जिम्मा दिया। कांग्रेस को इस बात की उम्मीद है कि प्रियंका की वजह से कांग्रेस की स्थिति सूबे में सुधरेगी और वह यूपी में मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में कामयाब होगी।