84 घंटे जेल में बिताने के बाद बाहर आए विधायक आकाश, जश्न में BJP दफ्तर के बाहर फायरिंग

इंदौर नगर निगम के अधिकारी को क्रिकेट बल्ले से पीटने के बहुचर्चित मामले में 84 घंटे जेल में बिताने के बाद आकाश विजयवर्गीय आज रविवार को सुबह-सुबह इंदौर जेल से रिहा हो गए। जेल से बाहर आकर आकाश का वही पुराना अंदाज नजर आया। जेल से बाहर आकर आकाश ने कहा कि जेल में उनका समय अच्छा गुजरा। आकाश विजयवर्गीय ने कहा कि ये वह लोगों और क्षेत्र के लिए काम करते रहेंगे। इस दौरान आकाश विजयवर्गीय को उनके समर्थकों ने माला पहनाई और जेल से निकलने पर उनका स्वागत किया। इसी दौरान आकाश विजयवर्गीय के समर्थकों ने उनके दफ्तर के बाहर हर्ष फायरिंग की। हालांकि जेल से रिहा होने के बाद आकाश विजयवर्गीय ने कहा कि वे इस तरह की फायरिंग का समर्थन नहीं करते हैं और इस पर वे कठोर कार्रवाई करेंगे। आकाश विजयवर्गीय ने कहा, 'मेरे पिता जी ने कहा कि तुम अब बड़े हो गए हो, तुम्हें अपने फैसले अब खुद लेने चाहिए, मैं तुम्हारे साथ हूं।'

भोपाल की विशेष कोर्ट ने शुक्रवार को इंदौर से केस से जुड़े दस्तावेज मंगवाने के आदेश देते हुए सुनवाई के लिए शनिवार का दिन तय किया था। आकाश के खिलाफ दूसरा मामला बिजली कटौती को लेकर बिना अनुमति प्रदर्शन से जुड़ा था। पुलिस ने इस मामले में शुक्रवार को जेल में ही उनकी गिरफ्तारी की थी। शनिवार को जज सुरेश सिंह दोनों मामलों में दलीलें सुनने के बाद आकाश को 70 हजार रु के मुचलके पर जमानत दे दी।

'अफसोस नहीं'

आज जेल से रिहा होने के बाद आकाश ने कहा कि मैंने जो किया उसका कोई अफसोस नहीं है। उन्होंने कहा, 'ऐसी स्थिति में जब पुलिस के सामने एक महिला को घसीटा जा रहा था, मैं कुछ और करने के बारे में सोच भी नहीं सकता था, मैंने जो किया उसका अफसोस नहीं है। लेकिन मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वो दोबारा बल्लेबाजी करने का अवसर न दें। '

जिला जेल अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी ने बताया, 'हमें विजयवर्गीय को जमानत पर रिहा करने का अदालती आदेश शनिवार रात 11 बजे के आस-पास मिला। तय औपचारिकताएं पूरी कर उन्हें रविवार सुबह जेल से छोड़ दिया गया। '

26 जून से इंदौर जेल में बंद थे आकाश

अफसर से मारपीट के केस में आकाश को 26 जून को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उन्हें 11 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में इंदौर जेल भेज दिया था। इसके अगले दिन उन्होंने सत्र न्यायालय में जमानत के लिए अर्जी लगाई थी। यहां से केस एससी/एसटी कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया। गुरुवार को एससी/एसटी कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद आकाश के वकील ने भोपाल कोर्ट में याचिका दाखिल की।

अधिकारी को बल्ले से पीट सुर्खियों में आए

मध्य प्रदेश की इंदौर-तीन से बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय तब सुर्खियों में आए तब उन्होंने खुले आम सड़क पर एक अधिकारी को पीटना शुरू कर दिया। ये घटना 26 जून की है। इंदौर नगर निगम के अधिकारी धीरेंद्र बायस निगम की टीम के साथ एक मकान को तोड़ने के लिए पहुंचे थे, लेकिन आकाश विजयवर्गीय इस पर आपत्ति जता रहे थे। इस बात को लेकर अधिकारी और आकाश विजयवर्गीय के बीच बहस हुई और आकाश ने अपनी गरिमा का बिना ख्याल किए अधिकारी को बैट से पीटने लगे। इस मामले में केस दर्ज किया गया था और अदालत ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।