महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बीच ओवैसी ने रखा अपना पक्ष, कहा - हमारी पार्टी के 2 विधायक जो...

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर कल तक यह उम्मीद लगाई जा रही थी कि सत्ता की चाबी शिवसेना के हाथ में जाने वाली है। लेकिन शाम को इसमें एक और ट्विस्ट आया और जिसने सारी संभावनाओं को विराम लगा दिया। अब राज्यपाल ने तीसरी बड़ी पार्टी NCP को सरकार बनाने का न्योता दिया है। दरअसल, शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने वाली थी लेकिन कांग्रेस शिवसेना का साथ देने में अभी भी हिचकिचा रही है जिसकी वजह से सरकार बनाने में एक बार फिर उलझन हो गई है। वही इस बीच ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ने अपना रुख साफ कर दिया है। पार्टी प्रमुख ओवैसी ने ट्वीट कर साफ किया है कि AIMIM के दो विधायक हैं जोकि शिवसेना और कांग्रेस गठजोड़ को समर्थन नहीं करेंगे। उन्होंने लिखा कि पार्टी ने इस बात की जानकारी महाराष्ट्र के राज्यपाल के दफ्तर को भी दे दी है।

असदुद्दीन ओवैसी ने य़ह भी लिखा कि मुझे लगता है कि मेरे सिर पर सजाए गए 'वोट कटवा' के ताज को अब कांग्रेस के सिर पर सजा देना चाहिए। ओवैसी के अनुसार जिन लोगों को मैं, मेरी पार्टी और मेरे वोटर्स।।। तथाकथित सेक्यूलर पार्टियों के हार का कारण लगते थे। उम्मीद है उन्हें अब शांत होने की वजह मिल जाएगी।

बता दे, इस समय महाराष्ट्र की राजनीति एक ऐसे चौराहे पर आ खड़ी हुई है जिसमें सबके दावे अलग हैं। वही इस बीच आज मंगलवार को एनसीपी विधायक दल की बैठक होने वाली है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पार्टी के बड़े नेताओं के साथ बैठक करने वाली हैं। उद्धव ठाकरे भी शरद पवार से कांग्रेस की शर्तों पर बात करने वाले हैं। कांग्रेस के नेताओं की टीम मुंबई में शरद पवार से मिलने वाली है।

आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मे बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं। बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर बहुमत का 145 का आंकड़ा पार कर लिया था। लेकिन शिवसेना ने 50-50 फॉर्मूले की मांग रख दी जिसके मुताबिक ढाई-ढाई साल सरकार चलाने का मॉडल था। शिवसेना का कहना है कि बीजेपी के साथ समझौता इसी फॉर्मूले पर हुआ था लेकिन बीजेपी का दावा है कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ। इसी लेकर मतभेद इतना बढ़ा कि दोनों पार्टियों की 30 साल पुरानी दोस्ती टूट गई।