अहमद पटेल के निधन पर बोलीं सोनिया गांधी- मैंने एक दोस्त और वफादार सहयोगी खो दिया

कांग्रेस के 'संकट मोचक' नेता माने जाने वाले अहमद पटेल का 71 साल की उम्र में बुधवार सुबह 3 बजकर 30 मिनट पर निधन हो गया। कहा जाता है कि अहमद पटेल की वजह से सोनिया गांधी भारतीय राजनीति में खुद को स्थापित कर पाई हैं। अपने प्रधानमंत्री पति राजीव गांधी की हत्या के बाद इतनी बड़ी पार्टी संभाल पाईं। गांधी परिवार के सबसे करीब और कांग्रेस के बेहद ताकतवर असर वाले अहमद लो-प्रोफाइल रहते थे और खुद को साइलेंट मोड पर रखते थे। गांधी परिवार के अलावा किसी को नहीं पता कि उनके दिमाग में क्या रहता था।

कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अहमद पटेल (Ahmed Patel) के निधन पर शोक जाहिर किया है। सोनिया गांधी ने अहमद पटेल के निधन को निजी क्षति करार दिया है। उन्होंने कहा, 'मैंने एक अपरिवर्तनीय कॉमरेड, एक वफादार सहयोगी और एक दोस्त खो दिया है।'

सोनिया गांधी ने ट्विटर पर अहमद पटेल के लिए एक लंबा नोट लिखा है। उन्होंने लिखा, 'अहमद पटेल के रूप में मैंने एक सहयोगी को खो दिया है, जिसका पूरा जीवन कांग्रेस पार्टी को समर्पित था। उनकी ईमानदारी और समर्पण, अपने कर्तव्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता, वह हमेशा मदद करने के लिए तैयार रहते थे। उनकी उदारता दुर्लभ गुण थे, जो उन्हें दूसरों से अलग करते थे।'

उन्होंने आगे लिखा, 'मैंने एक अपरिवर्तनीय कॉमरेड, एक वफादार सहयोगी और एक दोस्त खो दिया है। मैं उनके निधन पर शोक व्यक्त करती हूं और मैं उनके शोक संतप्त परिवार के लिए संवेदनाएं व्यक्त करती हूं।'

बता दें कि सोनिया गांधी तबीयत खराब होने की वजह से इन दिनों दिल्ली से बाहर हैं और गोवा में स्वास्थ्य लाभ ले रही हैं। ऐसी चर्चा है कि तबीयत ठीक नहीं होने के कारण सोनिया गांधी अहमद पटेल की अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हो पाएंगी।

बता दें कि 71 साल के अहमद पटेल एक महीना पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे। इसके बाद उनका गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था, अहमद पटेल 15 नवंबर से आईसीयू में भर्ती थे, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका। बुधवार सुबह साढ़े तीन बजे उन्होंने आखिरी सांसें ली।