बिहार में Agnipath Scheme पर छात्रों का बवाल तेज, बक्सर-मुजफ्फरपुर के बाद गया-जहानाबाद में आगजनी

सेना में भर्ती के लिए लाई गई 'अग्निपथ स्कीम' के खिलाफ दूसरे दिन भी प्रदर्शन जारी है। बुधवार को बिहार के मुजफ्फरपुर, आरा, बक्सर, बेगूसराय में प्रदर्शन की खबरें सामने आईं थी। वहीं, गुरुवार को प्रदेश के जहानाबाद में प्रदर्शन की खबर सामने आ रही है। जहानाबाद में छात्रों ने सड़कों को जाम किया और आगजनी भी हुई। छात्रों ने जहानाबाद में NH-83 और NH-110 जाम कर आगजनी की। सेना में चार साल की भर्ती वाली इस स्कीम से नाराज युवाओं ने कल पत्थरबाजी भी की थी।

बिहार के विभिन्न जिलों में 17 साल से 21 साल तक के युवाओं को चार साल के लिए सेना में संविदा पर भर्ती करने और अधिकतर को बिना पेंशन व ग्रेजुएटी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की केंद्र द्वारा शुरू की गई ‘अग्निपथ योजना' का विरोध करते हुए बुधवार को युवाओं ने रेल और सड़क यातायात बाधित किया। बक्सर में करीब 100 युवाओं ने रेलवे स्टेशन पर विरोध किया था। इसकी वजह से ट्रेन सर्विस भी बाधित हुई थी। प्रदर्शन की वजह से जनशताब्दी एक्सप्रेस करीब 30 मिनट लेट हो गई थी। बक्सर स्टेशन से गुजरने वाली पाटलिपुत्र एक्सप्रेस पर प्रदर्शनकारियों ने पत्थर फेंके जाने की भी खबरें आई थी। इससे पहले बुधवार को मुजफ्फरपुर में सेना में जाने की तैयारी कर रहे युवाओं ने चक्कर मैदान में प्रदर्शन किया था। वहां इन युवाओं ने कुछ टायरों में आग लगा दी थी।

सेना में भर्ती के कई उम्मीदवारों ने कलेक्ट्रेट की ओर मार्च किया, जहां उन्होंने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा। मुजफ्फरपुर में प्रदर्शकारी को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। बेगूसराय जिले में हर हर महादेव चौक पर एनसीसी के कुछ छात्रों एवं सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं ने टायर जलाकर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 को जाम कर ‘अग्निपथ योजना' का विरोध किया।

90 दिनों में होनी हैं 46 हजार भर्तियां

सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आर्म्ड फोर्सेज में 4 साल की नौकरी के लिए अग्निपथ योजना शुरू की। इसके तहत 90 दिनों के भीतर करीब 46 हजार भर्तियां होनी है। लेकिन कई युवा इससे खुश नहीं है। कहा जा रहा है कि इससे पिछले दो साल में हुई परीक्षाओं का कोई औचित्य नहीं रह गया, क्योंकि बताया गया कि वो भर्तियां भी इसी प्रोग्राम के तहत होंगी। परीक्षा देकर रिजल्ट का इंतजार कर रहे कई स्टूडेंट्स सरकार के इस फैसले से नाराज हैं। सड़कों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी गुस्सा देखा जा रहा है।