जोधपुर : सांसों को बचाने के लिए एक्शन में प्रशासन, 15 साल पुराने डीजल के 6 हजार कॉमर्शियल वाहन बैन, 7500 और होंगे बंद

धुएं का प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद जोधपुर में प्रशासन अपने एक्शन में दिखाई दे रहा हैं जो सांसों को बचाने के लिए 15 साल पुराने डीजल के कॉमर्शियल वाहनों पर कारवाई करने में लग गया हैं। जोधपुर में इसके लिए प्रशासन ने एक्शन प्लान बनाया। अब तक करीब 5971 कॉमर्शियल वाहनों को फेजआउट किया है। 7500 और वाहन फेजआउट की कतार में हैं। फेजआउट वाहन सिटी एरिया में नहीं चल पाएंगे। ग्रामीण एरिया के साथ दूसरे जिलों में एनओसी प्राप्त फेजआउट वाहन चल सकेंगे। प्रादेशिक परिवहन कार्यालय को जिम्मेदारी दी है कि वो 15 साल पुराने डीजल के कॉमर्शियल वाहनों को सिटी से दूर रखें। 15 साल पुराने वाहनों के लिए एनओसी लेने की अंतिम तारीख 30 नवंबर तक थी। अब ऐसे वाहनों को आरटीओ ने एनओसी देना बंद कर दिया है।

नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत जोधपुर की हवा को स्वच्छ करने के तहत कई कार्य होंगे। जिन वाहनाें काे एनओसी नहीं, वे कबाड़ हाेंगे फेजआउट होने वाले वाहनों जिन वाहनों को एनओसी नहीं मिली है, वो कहीं सिटी या ग्रामीण कहीं पर भी वाहन नहीं चला पाएंगे। ऐसे में यह वाहन कबाड़ बन जाएंगे। संभवत: एनओसी की स्वीकृति नहीं मिलती है तो आरटीओ की ओर से आरसी निरस्त की जाएगी।

जोधपुर की हवा को स्वच्छ करने केंद्र सरकार ने निगम (उत्तर-दक्षिण) को पहले चरण में 62 करोड़ रु। दिए हैं। राज्य सरकार ने इस काम के लिए नगर निगम उत्तर को नोडल एजेंसी बनाया है। अब उत्तर व दक्षिण ने अपने-अपने क्षेत्र में 31-31 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट बनाए हैं। इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिए हैं, लेकिन कुछ तकनीकी खामियों के चलते इन पर आगे काम रुका हुआ है। हालांकि अगले साल तक इन सभी कार्यों को पूरा करना है। इसके तहत विभिन्न कार्य किए जाएंगे।