
नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष विराम के बाद भारत ने पड़ोसी देशों के साथ संवाद को तेज कर दिया है। इसी क्रम में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी से महत्वपूर्ण चर्चा की। बातचीत के दौरान जयशंकर ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की कड़ी निंदा करने के लिए मुत्ताकी की सराहना की, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। साथ ही, पाकिस्तान द्वारा अफगान क्षेत्र में कथित मिसाइल हमले और भारत-अफगान संबंधों में भ्रम फैलाने की कोशिशों पर भी स्पष्ट रूप से बातचीत हुई। जयशंकर ने इस संवाद को दोनों देशों के आपसी विश्वास और सहयोग की दिशा में एक सकारात्मक पहल बताया।
पहल्गाम आतंकी हमले की निंदा पर हुई चर्चाजयशंकर और मुत्ताकी के बीच हुई बातचीत के दौरान, भारतीय विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान के मंत्री की तारीफ की, जिन्होंने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की थी। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई थी, और इसका भारत के लिए बड़ा सुरक्षा मुद्दा बन गया था। जयशंकर ने कहा कि मुत्ताकी ने इस हमले की निंदा की, और हम इसकी सराहना करते हैं। इस गंभीर आतंकवादी हमले की निंदा कर अफगानिस्तान ने यह साबित किया कि आतंकवाद का कोई धर्म या राष्ट्रीयता नहीं हो सकती।
भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास फैलाने की कोशिशों का विरोधबातचीत में एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा भी उठा, जिसमें पाकिस्तान द्वारा भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास फैलाने की कोशिशों पर चर्चा की गई। विदेश मंत्री ने कहा, पाकिस्तान की ओर से कुछ समय से भारत और अफगानिस्तान के रिश्तों को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन मावलवी मुत्ताकी ने इसे पूरी तरह खारिज किया है, और यह हमारे लिए बहुत सकारात्मक संकेत है। यह बयान न केवल पाकिस्तान के प्रयासों को नकारता है, बल्कि भारत और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते हुए विश्वास और सहयोग का भी प्रतीक है।
अफगानिस्तान के साथ पारंपरिक दोस्ती को मजबूत करने की आवश्यकताजयशंकर ने इस अवसर पर अफगानिस्तान के साथ भारत की पारंपरिक दोस्ती को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा अफगानिस्तान के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और भारत अफगानिस्तान की विकास संबंधी जरूरतों में निरंतर सहयोग करता रहेगा। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के तरीकों और साधनों पर भी विचार-विमर्श किया गया। जयशंकर ने कहा, हमने अफगानिस्तान के साथ अपने सहयोग को और गहरा करने के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की, जिनमें सुरक्षा, व्यापार और मानवता से जुड़ी मदद शामिल हैं।
होंडुरास दूतावास उद्घाटन और आतंकवाद विरोधी एकजुटताइस बातचीत के दौरान, विदेश मंत्री जयशंकर ने एक और महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम उठाया। शुक्रवार को उन्होंने दिल्ली में होंडुरास गणराज्य के दूतावास का उद्घाटन किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में, जयशंकर ने कहा कि यह उद्घाटन हमारे दोनों देशों के बीच एक नए युग की शुरुआत है और यह हमारे आपसी रिश्तों को और मजबूत करेगा। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ होंडुरास की एकजुटता की भी सराहना की और कहा, होंडुरास ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ हमेशा समर्थन दिया है, और हम इसे उच्च सम्मान की दृष्टि से देखते हैं।
अगले कदम और भविष्य की दिशाभारत और अफगानिस्तान के बीच इस संवाद को एक नई दिशा देने के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें दोनों देशों के बीच पारंपरिक दोस्ती को और मजबूती से आकार देने की प्रतिबद्धता जाहिर की गई है। इसके साथ ही, यह भी साफ किया गया कि आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त मोर्चा बनाए रखने के लिए दोनों देशों को मिलकर काम करना होगा, जिससे पाकिस्तान जैसे देशों की हरकतों को भी प्रभावी तरीके से नकारा जा सके।
जयशंकर और मुत्ताकी की मुलाकात ने न केवल भारत और अफगानिस्तान के बीच मजबूत कूटनीतिक रिश्तों का संकेत दिया, बल्कि पाकिस्तान के प्रयासों को भी नकारा किया, जो वह भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने के लिए कर रहा था। यह बैठक यह दर्शाती है कि भारत अपनी वैश्विक रणनीति में पारंपरिक साझेदारों के साथ रिश्ते मजबूत करने के लिए कृतसंकल्पित है और दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता की दिशा में अहम कदम उठा रहा है।