केरल के तिरुवनंतपुरम में एक महिला के हमले में घायल हुए स्वामी गंगेशानंद आठ महीने बाद लोगों के सामने आए। प्रेस कांफ्रेंस करके उन्होंने जानकारी दी आठ महीने के लंबे इलाज के बाद अब पूरी तरीके से स्वस्थ्य हूं और साधारण जिंदगी जी रहा हूं। उन्होंने कहा कि तिरुवनंतपुरम में हुई घटना ने मुझे थर्ड जेंडर बना दिया था लेकिन अब मैं पूरी तरीके से ठीक हूं।
प्रेस से बातचीत में गंगेशानंद ने बताया, 'दिसंबर 2017 से मेरी कई सर्जरी की गई और लंबा इलाज चला। मुझे पहले तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां मेरे कटे हुए लिंग में टांके लगाए गए। इसके बाद मेरी दो और सर्जरी की गई।'
स्पेशऐलिस्ट्स अस्पताल के यूरॉलजी डिपार्टमेंट के हेड और वरिष्ठ सलाहकार सर्जन डॉ. आर विजयन ने कहा, 'गंगेशानंद अब आसानी से यूरिनेट कर सकते हैं और साधारण जीवन जी सकते हैं, जैसे वह पहले जीते थे।' डॉ के मुताबिक गंगेशानंद के लिंग पर 4 सेंटीमीटर गहरा कट लगा था। 140 दिनों तक लगातार उनकी ड्रेसिंग हुई। इस घटना के सवालों पर गंगेशानंद ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर मैं दोषी हूं तो भगवान और कोर्ट के सामने साबित होने दें। अगर मैं दोषी साबित होता हूं तो किसी भी तरह की सजा के लिए तैयार हूं।
उन्होंने कहा कि मुझे अब किसी से कोई शिकायत नहीं है जिन्होंने मुझ पर हमला किया था मैंने उन्हें माफ कर दिया है। गंगेशानंद के मुताबिक जब मैं अस्पताल में भर्ती था तो मुझ पर सवालों की बाढ़ सी आ गई थी। मुझे विश्वास था कि लोगों के सवालों के जवाब देने और इलाज होने में समय लगेगा। इसलिए मैं चुप रहा। उन्होंने बताया कि इलाज के दौरान मुझे भयानक पीड़ा से गुजरना पड़ा।
आपको बता दें कि पिछले साल मई के महीने में गंगेशानंद का लिंग एक महिला ने काट दिया था। महिला ने कथित रूप से बलात्कार का प्रयास करने पर स्वामी गंगेशानंद का लिंग काट दिया था।