तालिबान का ऐलान, शरिया कानून से चलेगा अफगानिस्तान; लोगों से कहा - देश ना छोड़े

अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जे के बाद मंगलवार को तालिबान ने अपनी नई सरकार का ऐलान कर दिया है। तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। इसके साथ ही तालिबान ने अफगानिस्तान को लेकर अपनी नीतियां भी बता दी हैं। तालिबान ने फिर से साफ कर दिया है कि शरिया कानून के तहत ही अफगानिस्तान में सरकार चलेगी। तालिबान ने अपनी नई नीति का ऐलान करते हुए कहा है कि किसी को भी भविष्य की चिंता नहीं करनी चाहिए, हमारी पहली कोशिश है कि देश की दिक्कतों को कानूनी तरीके से सुलझाया जाए। जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि इसी के तहत भविष्य में अफगानिस्तान में सरकार और आम लोगों की ज़िंदगी को शरिया कानून के तहत चलाया जाएगा। तालिबान के प्रवक्ता ने बताया कि नई सरकार की कोशिश अफगानिस्तान में शांति स्थापित करना है, आगे माहौल ठीक होता जाएगा।

अफगानिस्तान ना छोड़ें

जबीउल्लाह मुजाहिद ने लोगों से अपील है कि वह अफगानिस्तान ना छोड़ें। इस्लामिक देश को किसी से दिक्कत नहीं है, बाहरी देशों को भी अफगानिस्तान में अपने दूतावासों को फिर से शुरू करना चाहिए। तालिबान ने कहा है कि बीते दो दशक से जो हमने संघर्ष किया है, उसके दो ही मकसद थे। सबसे पहले विदेशी ताकतों को देश से बाहर निकालना और फिर अपना एक इस्लामिक सिस्टम लागू करना।

तालिबान सरकार में मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को प्रधानमंत्री बनाया गया है। उनके साथ मुल्ला बरादर और मुल्ला अब्दुल सलाम हनफी डिप्टी प्राइम मिनिस्टर बनाए गए हैं। तालिबान ने अमेरिका को चैलेंज करने वाले सिराजुद्दीन हक्कानी को गृह मंत्री बनाया है। सिराजुद्दीन हक्कानी कितना खूंखार आतंकी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका ने उस पर 50 लाख डॉलर यानी तकरीबन 37 करोड़ रुपए का इनाम घोषित कर रखा है। अमेरिका सिराजुद्दीन हक्कानी को अपना बड़ा दुश्मन मानता है।