रूस की तालिबान को चेतावनी! पड़ोसी देशों के लिए खतरा न बने अफगानिस्तान

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) ने 13वें ब्रिक्स सम्मेलन (BRICS Summit) में अफगानिस्तान के मुद्दे पर बातचीत की है। समिट में रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने अफगानिस्तान संकट के लिए अमेरिकी सेनाओं के हटने को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगियों के अफगानिस्तान से जाने की वजह से यह नया संकट खड़ा हुआ है। अभी भी यह साफ नहीं है कि इससे रीजनल और ग्लोबल सिक्योरिटी पर क्या असर पड़ेगा। यह अच्छी बात है कि ब्रिक्स देशों ने इस पर फोकस किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान को अपने पड़ोसी देशों के लिए खतरा नहीं बनना चाहिए। उन्होंने कहा- पड़ोसी देशों के लिए आतंकवाद, ड्रग्स तस्करी जैसा खतरा अफगानिस्तान को नहीं पैदा करना चाहिए

क्यों महत्वपूर्ण है रूस की ये टिप्पणी

रूस की यह टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रही है क्योंकि तालिबान को मॉस्को से शह मिलने की खबरें आती रही हैं। रूस के अलावा चीन की तरफ से तालिबान के लिए समर्थन वाला रवैया दिखाया गया है। पाकिस्तान तो खुलकर दुनिया के सामने आ चुका है। ऐसे में पुतिन की इस सख्त टिप्पणी के बड़े निहितार्थ हो सकते हैं।

बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान सरकार से नजदीकियां बढ़ाने में चीन लगातार मदद को आगे आ रहा है। कई परियोजनाओं में अफगानिस्तान से हाथ मिलाने के बाद अब चीन ने बड़े पैकेज का ऐलान किया है। चीन ने बुधवार को अफगानिस्तान के लिए 200 मिलियन युआन (31 मिलियन यूएस डॉलर) मूल्य के अनाज, सर्दियों के सामान और कोरोना वायरस वैक्सीन की मदद देने का ऐलान किया है।

अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों के विदेश मंत्रियों की वर्चुअल मीटिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन अफगानिस्तान को 200 मिलियन युआन मूल्य के अनाज, सर्दियों के सामान की आपूर्ति, वैक्सीन और दवाइयां देगा। वांग ने कहा कि चीन ने अफगानिस्तान को पहले बैच में 30 लाख कोरोना टीके देगा। अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था को दोबारा खड़ा करने के लिए दूसरे देशों के साथ मिलकर काम करेगा।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की। पीएम मोदी ने बैठक में कहा है- हाल ही में पहले 'ब्रिक्स डिजिटल हेल्थ सम्मेलन' का आयोजन हुआ। तकनीक की मदद से हेल्थ एक्सेस बढ़ाने के लिए यह एक इनोवेटिव कदम है। नवंबर में हमारे जल संसाधन मंत्री ब्रिक्स फॉर्मेट में पहली बार मिलेंगे। हमने ब्रिक्स 'Counter Terrorism Action Plan' यानी आतंकरोधी एक्शन प्लान

मोदी ने कहा कि ब्रिक्स ने न्यू डेवलपमेंट बैंक, एनर्जी रिसर्च कॉर्पोरेशन जैसे प्लेटफॉर्म शुरू किए हैं। गर्व करने के लिए हमारे पास बहुत कुछ है। यह भी जरूरी है कि हम आत्मसंतुष्ट ना हों। हमें ये निश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले 15 सालों के लिए उपयोगी हो। प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार ब्रिक्स समिट की अध्यक्षता कर रहे हैं। इससे पहले वे 2016 में गोवा में हुई ब्रिक्स समिट की अध्यक्षता कर चुके हैं।