तिरंगे में हुई राष्ट्रीय पक्षी मोर की विदाई, अंतिम यात्रा में बजाए गए देशभक्ति के गीत

राजस्थान के झुंझुनूं में शुक्रवार को एक हैरान कारने वाला नजारा देखने को मिला जहां राष्ट्रीय पक्षी मोर को सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान मोर का शव तिरंगे में लिपटा हुआ था। शव यात्रा मंडावा रोड से रवाना होकर इंदिरा नगर स्थित श्मशान घाट पहुंची। यहां पर मोर का विधि विधान और नियमों के साथ दाह संस्कार किया गया। बड़ी संख्या में लोग अंतिम यात्रा के साथ चल रहे थे। लोगों में उत्सुकता हुई कि कौन शहीद हो गया, लेकिन जब अर्थी पर शव देखा तो हर कोई संवेदनाओं से भर उठा। यह शव था राष्ट्रीय पक्षी मोर का, जिसे शहीद की तरह अंतिम विदाई दी गई। अंतिम यात्रा के दौरान डीजे पर देशभक्ति गीत बजाए जा रहे थे। जहां से भी अंतिम यात्रा गुजरी, लोगों ने हाथ जोड़कर नमन किया।

दरअसल, मंडावा मोड इलाके में एक मोर बिजली के तारों से टकरा गया। करंट लगने से मोर अचेत होकर जमीन पर गिर गया। स्थानीय लोगों ने वेटरनरी डॉक्टर अनिल खीचड़ को सूचना दी। डॉक्टर खीचड़ मौके पर पहुंचे और मोर का इलाज शुरू किया। इलाज के दौरान ही मोर ने दम तोड़ दिया। मोर की मौत ने डॉक्टर खीचड़ को झकझोर दिया। उनकी पहचान इलाके में पक्षी प्रेमी के रूप में भी है। डॉ. खीचड़ ने अपने कुछ पहचान वालों से मोर का अंतिम संस्कार सम्मान के साथ करने की बात कही। इसके बाद उनके साथियों और अन्य शहरवासियों ने जो कुछ किया, वह पशु प्रेम के लिहाज से एक नजीर बन गई।

राष्ट्रीय पक्षी मोर का पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। लोगों ने अर्थी को उसी तरह तैयार किया, जैसे किसी बुजुर्ग की मौत पर डोल तैयार किया जाता है। चार लोगों ने अर्थी को कंधा दिया। खास बात ये रही कि मोर को तिरंगे में लपेटकर शहीद की तरह विदा किया गया। शव यात्रा को देखकर लोगों को लगा कि किसी बड़े आदमी का निधन हुआ है। जब उन्हें पता चला कि अर्थी पर मोर का शव है तो लोगों ने सम्मान दिखाते हुए संवेदनाएं जाहिर की। शव यात्रा बाजार से गुजरी तो व्यापारी अपनी गद्दियां छोड़कर मोर के सम्मान में खड़े हो गए और श्रद्धांजलि दी।