अलीगढ़ः स्कूल में कमरा बंद कर 150 बच्चों को जबरन लगाई वैक्सीन की डोज, 50 की बिगड़ी तबीयत

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से स्वास्थ्य विभाग और स्कूल प्रशासन की बड़ी लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले लगभग 150 बच्चों को स्कूल का गेट बंद करने के बाद जबरन वैक्सीन की डोज लगा दी गई। वैक्सीन की डोज लगने के बाद लगभग 50 से अधिक बच्चों की तबीयत बिगड़ गई, जिन्हें आनन-फानन में स्थानीय सीएससी में भर्ती कराया गया है। परिजनों का आरोप है कि बिना हमारी अनुमति के बच्चों को वैक्सीन क्यों लगाई गई, वहीं बच्चों की मानें तो उनका कहना है कि उनके साथ मारपीट की गई और उसके बाद वैक्सीन की डोज लगाई गई, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई,

अलीगढ़ के थाना दादों इलाके के नाई के नगला प्राथमिक विद्यालय का यह मामला है। यहां पर 150 बच्चों को स्कूल का गेट बंद करने के बाद जबरन वैक्सीन लगाई गई तो लगभग 50 बच्चों की अचानक तबीयत खराब हो गई। उन्हें आनन-फानन में छर्रा इलाके की सीएससी में भर्ती कराया गया है।

पिटाई कर लगाई डोज

बच्चों का आरोप है कि स्कूल के टीचरों ने जबरन बच्चों को कमरे में बंद कर उनकी पिटाई की। उसके बाद डोज लगा दी गई। डोज लगने के बाद अधिकतर बच्चों को उल्टी दस्त और तेज बुखार आने लगा, जिसके बाद परिजनों द्वारा अपने बच्चों को स्थानीय सीएचसी में भर्ती कराय। वहीं परिजनों की मानें तो उनका आरोप है कि बच्चों को डोज लगाने की जानकारी स्कूल प्रशासन द्वारा नहीं दी गई और ना ही डॉक्टर ने इस बारे में बताया।

न्यूज़ 18 की खबर के अनुसार प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष रामअवतार यादव ने बताया के थाना दादों क्षेत्र के नई के नगला के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में 150 बच्चों को स्कूल के बाद करने के बाद जबरन वैक्सीन की डोज लगाई गई थी। इसके बाद बच्चों की तबीयत खराब हुई जिन्हें तत्काल उपचार के लिए स्थानीय सीएससी में भर्ती कराया, जहां उनका उपचार चल रहा है। यह बड़ी लापरवाही स्कूल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की है। अधिकारियों को संज्ञान लेकर इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

छर्रा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अवनेंद्र यादव ने बताया कि बूस्टर अभियान के तहत टीडी और डीपीडी के टीके लगाए जा रहे है। डीपीडी के टीके के बाद अक्सर बुखार आता है, इसलिए बच्चों के अंदर बुखार की शिकायत रहेगी। स्कूल में बच्चों को डोज लगाई गई थी, जिसमें से लगभग 50 बच्चों को बुखार उल्टी की शिकायत थी जिन्हें सीएससी में भर्ती कराया गया है, जिसमें से कुछ बच्चों को बुखार की शिकायत थी। खतरे की कोई बात नहीं है।