चेन्नई। बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों के आवंटन को लेकर जारी अशांति के बीच पड़ोसी देश में पढ़ रहे तमिलनाडु के 49 छात्र रविवार को सुरक्षित घर लौट आए। डीएमके मंत्री गिंगी मस्तान ने चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर छात्रों की अगवानी की। सत्तारूढ़ डीएमके सरकार ने बांग्लादेश में मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति के बीच फंसे छात्रों को वापस लाने के लिए हवाई किराए का भुगतान किया।
तमिल संगठनों ने मदद मांगने वाले छात्रों के बारे में जानकारी एकत्र करने में सरकार की मदद की और फिर उनका पता लगाने के लिए बांग्लादेश स्थित भारतीय दूतावास के साथ समन्वय किया।
छात्रों से संवाद करने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए और उनकी स्थिति पर नज़र रखी गई। कई तमिल छात्रों ने इन ग्रुपों को वीडियो भेजकर भारत वापस आने की इच्छा जताई।
कृष्णागिरी जिले से 12 छात्र, कुड्डालोर से छह, धर्मपुरी और तंजावुर से पांच-पांच, सलेम से तीन, वेल्लोर, रानीपेट, मदुरै, चेन्नई और विरुधुनगर से दो-दो, इरोड, तिरुवल्लूर, विल्लुपुरम, तेनकासी, तिरुवन्नामलाई, थुथुकुडी, कांचीपुरम और मयिलादुथुराई जिलों से एक-एक छात्र वापस आ गए हैं।
इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को हिंसा प्रभावित बांग्लादेश से आए लोगों को आश्रय देने का वादा किया। ममता बनर्जी ने कहा, अगर असहाय लोग (बांग्लादेश से) बंगाल के दरवाजे पर दस्तक देते
हैं, तो हम उन्हें आश्रय देंगे। संयुक्त राष्ट्र से एक प्रस्ताव है। पड़ोसी शरणार्थियों का सम्मान करेंगे।
हिंसक विरोध प्रदर्शनों से जूझ रहे बांग्लादेश में सख्त कर्फ्यू लगा हुआ है, जबकि सेना के जवान राजधानी ढाका
के कुछ हिस्सों में गश्त कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शनों में 40 लोगों की मौत हो गई और 100 अन्य घायल हो गए।