केंद्र सरकार ने अपने चार साल के कार्यकाल में किसानों के मुद्दों, रोजगार व आवश्यक वस्तुओं के दाम बांधने जैसे मुद्दों पर बहुत अच्छा काम नहीं किया है। यह बात एक ऑनलाइन रायशुमारी के नतीजों के आधार पर कही गई है। रायशुमारी में प्रतिभागियों के एक बड़े वर्ग ने माना कि मोदी सरकार का प्रदर्शन अपेक्षाओं से कम रहा।
सर्वेक्षण में देशभर के 250 जिलों के 62,000 हजार लोगों ने हिस्सा लिया था- सोशल मीडिया पर सक्रिय एक कम्युनिटी लोकल सर्कल्स द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, इसमें शामिल होने वालों में से 43 फीसदी लोगों ने सरकार के काम को अपेक्षाओं से कम बताया है,
- 29 फीसदी लोगों के अनुसार, मोदी सरकार उनकी अपेक्षाओं पर खरी उतरी है और
- 28 फीसदी लोगों ने कहा कि सरकार उनकी अपेक्षाओं से बढ़कर काम कर रही है।
- सर्वेक्षण में देशभर के 250 जिलों के 62,000 हजार लोगों ने हिस्सा लिया था।
- सर्वेक्षण के अनुसार, "सरकार के ज्यादातर प्रदर्शन के मानक एक समयांतराल में तय की गई अपेक्षाओं और दैनिक जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव के बीच के अंतर बताते हैं।"
छवि चमकाने के लिए मोदी सरकार ने खर्च किए 4343.26 करोड़- वहीं एक आरटीआई से खुलासा हुआ है कि केंद्र सरकार ने बीते चार वर्षों में विज्ञापन पर कुल 4343 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
- आरटीआई पर में दी गई जानकारी के अनुसार कहा गया है कि मोदी सरकार ने मई 2014 में सत्ता में आने के बाद से लेकर अब तक विज्ञापनों पर 4,343 करोड़ रूपए खर्च किए हैं।
- सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत आने वाली एजेंसी ब्यूरो ऑफ आउटरिच कम्युनिकेशन ने मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली के आरटीआई आवेदन पर यह जानकारी दी।
- एजेंसी ने बताया कि केंद्र सरकार ने यह राशि प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया के अलावा आउटडोर प्रचार पर खर्च की। एजेंसी ने कहा कि सरकार ने अपने कार्यक्रमों के विभिन्न मीडिया मंचों पर विज्ञापन पर 4,343।26 करोड़ रूपये खर्च किए।